DMF घोटाला मामले में EOW ने कारोबारियों को भेजा नोटिस, पूछताछ के लिए बुलाया
File Image
DMF Scam: बुधवार को डीएमएफ घोटाला मामले में EOW की टीमों ने 4 शहरों के 14 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. आधा दर्जन कारोबारियों के अलग-अलग ठिकानों पर सुबह से देर रात तक जांच चलती रही. गुरुवार को एजेंसी ने सभी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है.
DMF घोटाला मामले में EOW ने कारोबारियों को भेजा नोटिस
उनके घरों से जब्त दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के संबंध में पूछताछ की जाएगी. एजेंसी का कहना है कि अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. छापे के दौरान कारोबारियों से पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया.
रायपुर के वॉलफोर्ट एन्क्लेव में अशोक कुमार और अमित कोठारी के घर पर छापा मारा गया. राजनांदगांव में ललित भंसाली, संतोष अग्रवाल, यश नाहटा और धमतरी के सिरीं स्थित कारोबारी अभिषेक त्रिपाठी के ठिकानों पर छापेमारी की गई. तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज मिले हैं. दुर्ग में मेघ गंगा ग्रुप के डायरेक्टर मनीष पारख के घर से केवल दस्तावेज जब्त किए गए. गिरफ्तारी नहीं हुई.
जानिए क्या है DMF घोटाला?
राज्य सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है. केस में ये तथ्य सामने आए है, कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता पाई गई. टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया.
वहीं जांच में पता चला कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है. प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने लिया है. ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया.