Naxal Surrender: नक्सल संगठन को बड़ा झटका, पोलित ब्यूरो मेंबर सोनू ने 60 नक्सलियों के साथ किया सरेंडर
खूंखार नक्सली अभय
Naxal Surrender: ‘लाल आतंक’ के खिलाफ एक बार फिर सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. जहां गढ़चिरौली में पुलिस के सामने पहली बार पोलित ब्यूरो मेंबर सोनू दादा उर्फ़ भूपति ने 60 सदस्यों के साथ सरेंडर कर दिया है.
पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोनू दादा उर्फ़ भूपति ने सरकार के समक्ष हथियार समेत सरेंडर करने की बात कही थी. सोनू दादा के बयान के बाद नक्सलियों में आपसी फाड़ देखी गई थी. वहीं सरेंडर नक्सलियों से पुछताछ जारी है.
सोनू ने जारी किया था लेटर
बता दें कि पोलित ब्यूरो मेंबर सोनू दादा उर्फ़ भूपति ने पत्र जारी कर शांति वार्ता की बात कही थी. साथ ही साथ हथियार छोड़कर भविष्य में देश की राजनैतिक पार्टियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की बात भी कही थी.
लेटर को लेकर नक्सल संगठन में दो फाड़
वहीं सोनू उर्फ वेणुगोपाल राव के हथियार नीचे रखने के पत्र के सामने आने के बाद नक्सल संगठन में फूट पड़ गई थी. पहले भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी तेलंगाना स्टेट कमेटी की ओर से इसे खारिज करते हुए अभय का निजी विचार बताया गया. इसके बाद अभय को नक्सल संगठन से बाहर निकाल दिया गया था.
कौन हैं नक्सली सोनू उर्फ अभय?
नक्सलियों की ओर से लेटर जारी करने वाला केंद्रीय कमेटी का मोल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ अभय उर्फ भूपति खुखांर नक्सली है. जो देवजी के साथ नक्सलियों के महासचिव पद का दावेदार है. इसे नक्सलियों का सबसे बड़ा रणनीतिकार के तौर पर भी जाना जाता है. वहीं 64 साल के अभय उर्फ भूपति को नक्सली संगठन की कमान मिल सकती है.
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खूंखार नक्सली किशनजी का है छोटा भाई
करीमनगर, तेलंगाना का रहने वाला सोनू उर्फ अभय पोलित ब्यूरो सदस्य, सेंट्रल कमिटी सदस्य और केंद्रीय प्रवक्ता के पद पर रहा है. इतना ही नहीं, ये खुंखार नक्सली किशनजी का छोटा भाई और नक्सलियों की सीसी मेंबर रही सुजाता का देवर है. अभय शीर्ष नक्सल पद पोलित ब्यूरो सदस्य है. जिस पर ढाई करोड़ से ज्यादा का इनाम है.
