गरियाबंद में 1 करोड़ के इनामी समेत 10 नक्सली ढेर, CM साय बोले- ‘नक्सलमुक्त भारत’ का संकल्प होगा साकार

Gariaband Naxal Encounter: मनोज छत्तीसगढ़ के साथ ओडिशा की नक्सल गतिविधियों का संचालन करता था और ओडिशा का स्टेट कमेटी मेंबर था.
CM Vishnu deo Sai

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

Gariaband Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में गुरुवार को मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 10 नक्सलियों को मार गिराया है, जिनमें एक करोड़ का इनामी मोदेम बालकृष्ण भी था. सुरक्षाबलों को इस सफलता के लिए देश के गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने बधाई दी है. वहीं सीएम विष्णु देव साय ने गरियाबंद मुठभेड़ के बाद विश्वास जताया है कि मार्च 2026 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में “नक्सलमुक्त भारत” का संकल्प साकार होकर रहेगा.

सीएम साय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘बस्तर में विश्वास, विकास व शांति के नए सूर्य का उदय हो रहा है. अदम्य साहस और वीरता के पर्याय CRPF की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और DRG के जवानों को नक्सलवाद के विरुद्ध एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है. गरियाबंद जिले में नक्सल मोर्चे पर हुई मुठभेड़ में अब तक 10 नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं, जिसमें ₹1 करोड़ के इनामी सीसीएम बालकृष्णा उर्फ मनोज को भी न्यूट्रलाइज किया गया है.’

नक्सलवाद की झूठी विचारधारा दम तोड़ रही- सीएम

उन्होंने आगे लिखा, ‘साथ ही नारायणपुर में जनताना सरकार सदस्य, पंचायत मिलिशिया डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार सदस्य और न्याय शाखा अध्यक्ष सहित 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है. यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि नक्सलियों की झूठी विचारधारा अब दम तोड़ रही है.’

इस साल 5 सीसी मेंबर हुए ढेर

बता दें कि सुरक्षाबलों ने इस साल अब तक पांच सीसी मेंबर को मार गिराया है. जवानों को मैनपुर थाने के अंतर्गत मटाल के जंगलों में बड़े नक्सली लीडरों के मौजूद होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद गरियाबंद E30, एसटीएफ और कोबरा ने मिलकर संयुक्त अभियान चलाया. जवान जैसे ही मटाल के जंगलों में थोड़ी आगे बढ़े, नक्सलियों से भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई. कई घंटों बाद यह मुठभेड़ रुकी है और पूरे इलाके में जवान सर्चिंग कर रहे हैं.

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25 सालों से अंडरग्राउंड था मनोज

मनोज छत्तीसगढ़ के साथ-साथ ओडिशा की नक्सल गतिविधियों का संचालन करता था और ओडिशा का स्टेट कमेटी मेंबर था. सुरक्षाबलों को मनोज की लंबे समय से तलाश थी और पिछले 25 सालों से मनोज अंडरग्राउंड था. बता दें कि साल 2025 में अब तक छत्तीसगढ़ के अंदर करीब 240 नक्सली मारे गए हैं, जिससे नक्सलवाद लगभग खत्म होने की कगार पर है.

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