Chhattisgarh: बलरामपुर कलेक्ट्रेट में कड़ी सुरक्षा, 500 मीटर तक धारा 187 लागू, जानें पूरा मामला

Chhattisgarh: बलरामपुर कलेक्ट्रेट परिसर में कड़ी सुरक्षा की गई है. यहां बेरिकेडिंग की गई है और परिसर से 500 मीटर तक की दूरी तक BNS की धारा 187 (धारा 144) लागू की गई है. जानें क्या है पूरा मामला-
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बलरामपुर कलेक्ट्रेट परिसर में कड़ी सुरक्षा

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बड़े प्रदर्शन के हालात कों भांपते हुए प्रशासन मुस्तैद हो गया है. बलरामपुर कलेक्ट्रेट परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. यहां प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बेरिकेडिंग की गई है. भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है. साथ ही कलेक्ट्रेट परिसर से 500 मीटर तक की दूरी तक धारा 144 यानी भारतीय न्याय संहिता की धारा 187 को लागू कर दिया गया है. पूरा मामला प्रतापपुर विधानसभा सीट से BJP विधायक शकुंतला पोर्ते से जुड़ा हुआ है.

बलरामपुर कलेक्ट्रेट परिसर में कड़ी सुरक्षा

बलरामपुर कलेक्ट्रेट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. दरअसल, प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते की जाति प्रमाण पत्र को लेकर मचे बवाल के मामले में जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति जांच कर रही है. इस मामले में आज समिति के सामने सुनवाई होनी है.

इससे पहले भी इस पूरे मामले में सुनवाई में लापरवाही का आरोप लगाकर आदिवासी समाज ने प्रदर्शन किया था. उसे ध्यान में रखते हुए आज बलरामपुर कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर दी है.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि बलरामपुर जिले की प्रतापपुर विधानसभा सीट से BJP विधायक शकुंतला पोर्ते अपनी जाति को लेकर सुर्खियों में हैं. पहली बार की विधायक बनीं शकुंतला पोर्ते पर आरोप हैं कि 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित प्रतापपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. इस सीट को अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया गया था. नामांकन भरते समय दोनों प्रत्याशियों ने दस्तावेजों के साथ आरक्षण के अनुसार अपना-अपना जाति प्रमाण पत्र भी जमा किया था. अब इसी जाति प्रमाण पत्र को लेकर पूरा बवाल मचा हुआ है.

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शिकायतकर्ता धनसिंह धुर्वे ने RTI के जरिए शकुंतला सिंह पोर्ते के दस्तावेज हासिल किए. उनका दावा है कि MLA शकुंतला पोर्त के जाति प्रमाण पत्र पर पिता के नाम की जगह पति का नाम है, जबकि जाति प्रमाण पत्र पिता के जाति के आधार पर ही बनाया जाता है. इसके अलावा शकुंतला का जाति प्रमाण पत्र वाड्रफनगर तहसील से बना है, जहां उनका ससुराल है. उनके पिता अंबिकापुर में रहते थे और उससे पहले उनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे.

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