सूरजपुर में हाथियों का आतंक, पति-पत्नी को कुचलकर मार डाला, वन विभाग के खिलाफ गांव वालों में गुस्सा

CG News: सूरजपुर जिले के अलग-अलग इलाकों में हाथियों का उत्पात जारी है. हाथियों ने आज रात एक दंपति को कुचलकर मार डाला है. यह घटना तब हुई, जब पति-पत्नी घर के बाहर खलिहान में रखे धान की रखवाली करने के लिए वहीं पर चारपाई लगाकर सो रहे थे, तभी अचानक एक हाथी पहुंचा और हमला कर दिया. जिससे दोनों की मौत हो गई.
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सूरजपुर में हाथियों का आतंक

CG News: सूरजपुर जिले के अलग-अलग इलाकों में हाथियों का उत्पात जारी है. हाथियों ने आज रात एक दंपति को कुचलकर मार डाला है. यह घटना तब हुई, जब पति-पत्नी घर के बाहर खलिहान में रखे धान की रखवाली करने के लिए वहीं पर चारपाई लगाकर सो रहे थे, तभी अचानक एक हाथी पहुंचा और हमला कर दिया इसके बाद दोनों ने भागने की कोशिश की लेकिन हाथी ने सूंड में लपेटकर पटक दिया. इससे दोनों की मौत हो गई.

सूरजपुर में पति-पत्नी को कुचलकर मार डाला

सूरजपुर के बिसाही नवापारा निवासी कबिलास और धनियारो राजवाड़े कल पूरे दिन खेत में काम किया. उसके बाद जब धान की मिसाई नहीं कर पाए तब उसकी सुरक्षा के लिए खलिहान में ही चारपाई लगाकर सो गए थे. रात करीब 2:00 बजे झुंड से अलग हुआ एक जंगली हाथी खलिहान में पहुंच गया और उसने उनकी चारपाई को उठाकर फेंक दिया. इसके बाद दोनों इधर-उधर भागने लगे लेकिन हाथी ने उन पर हमला किया और दोनों की मौत हो गई. इस दौरान दंपति ने शोर भी किया लेकिन तब तक हाथी उन पर हमला कर चुका था इसके बाद परिवार और पड़ोस के लोग पहुंच गए और हाथी को वहां से लोगों ने किसी तरह खदेड़ा.

लोगों का कहना है कि जहां पर घटना हुई उसे इलाके में हाथी बहुत कम पहुंचता था हाथी हमेशा जंगल में ही रहता था लेकिन बस्ती में पहली बार पहुंचा था. जानकारी के अनुसार मृतक के तीन बच्चे थे जिसमें से दो की शादी हो चुकी है.

वन विभाग के खिलाफ गांव वालों में गुस्सा

हाथी के हमले से मौत की घटना के बाद गांव के लोगों में गुस्सा है लोगों का कहना है कि हाथी गांव के भीतर पहुंच जा रहा है. हमला कर लोगों की जान ले रहा है लेकिन वन विभाग सिर्फ मॉनिटरिंग के नाम पर हर साल लाखों रुपए खर्च कर रहा है. हाथी नियंत्रण के नाम पर ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं लेकिन हकीकत में जमीनी स्तर पर उसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है. इतना ही नहीं जंगलों में चारा नहीं है और इसकी वजह से हाथी धान के खेत और अब जब खेतों में धान कट चुका है तो खलिहान में पहुंच रहे हैं. इसके बाद जब खलिहान में धान खत्म हो जाएगा तब घर में रखे हुए धान को खाने के लिए भी हाथी घरों को तोड़ने लगते हैं.

ऐसे हालत में ही हाथी और इंसानों के बीच सरगुजा संभाग के सभी इलाकों में संघर्ष हो रहा है. लगातार जंगल सिमट रहे हैं और हाथी गांव की तरफ पहुंच रहे हैं. हर साल दर्जनों लोगों की हाथी के हमले से मौत हो रही है. हजारों हेक्टेयर में लगे फसल को हाथी बर्बाद कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद जंगलों के संरक्षण में सिर्फ कागजों पर ही काम हो रहा है. सरगुजा में कोयला और बॉक्साइट खदान के लिए जंगल उजाड़ा जा रहा है जबकि इन्हीं क्षेत्रों में हमेशा हाथियों का विचरण होता था. यही वजह है कि हाथी अब अपना रहवास छीने जाने की वजह से रिहाईसी इलाकों में पहुंचकर उत्पात मचा रहे हैं। इसकी वजह से कई बार हाथी लोगों को मार रहे हैं तो कई बार लोगों की जान जान से नाराज ग्रामीण हाथियों को करंट और जहर देकर मार रहे हैं.

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