मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में धान के त्वरित निराकरण के लिए अहम फैसला

Chhattisgarh: मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में धान के त्वरित निराकरण के लिए अहम फैसला लिया गया है. खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में चावल जमा करने की शेष मात्रा की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है.
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मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक

Chhattisgarh: खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में धान के त्वरित निराकरण के लिए अहम फैसला लिया गया. बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल एवं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा उपस्थित थे. अब खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में चावल जमा करने की शेष मात्रा की अंतिम तारीख 5 जुलाई 2025 तक कर दी गई है.

राज्य में सबसे ज्यादा उपार्जन

बैठक में बताया गया कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर 149.25 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया, जो राज्य गठन के बाद अब तक का सर्वाधिक है. उपार्जित धान का कस्टम मिलिंग के माध्यम से त्वरित निराकरण किया जा रहा है. भारत सरकार और नागरिक आपूर्ति निगम से प्राप्त चावल उपार्जन लक्ष्य के अतिरिक्त 35.00 लाख मीट्रिक टन अतिशेष धान के निराकरण के लिए मंत्रिपरिषद ने ई-नीलामी (ई-ऑक्शन) के माध्यम से विक्रय का निर्णय लिया. एम-जंक्शन प्लेटफॉर्म पर नीलामी प्रक्रिया पूरी की गई.

अनुमोदित दर पर प्राइस मेचिंग का अवसर

प्रथम चरण की निविदा में प्राप्त दरों को 29 अप्रैल 2025 को मंत्रिमंडलीय उप समिति ने अनुमोदित किया था, जिसके आधार पर 18.91 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण सफलतापूर्वक हुआ. शेष स्टॉक्स के लिए उच्चतम बोली लगाने वाले (H-1) और अन्य निविदाकारों को अनुमोदित दर पर प्राइस मेचिंग का अवसर दिया गया, जिससे पारदर्शिता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ धान का निराकरण शीघ्र हो सके.

31.48 लाख मीट्रिक टन धान का भंडारण

प्रदेश के 78 संग्रहण केंद्रों में 31.48 लाख मीट्रिक टन धान का भंडारण किया गया, जिसमें से 18.91 लाख मीट्रिक टन का निराकरण प्राइस मेचिंग और ऑक्शन के माध्यम से हो चुका है. वर्तमान में 12.57 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण शेष है. त्वरित उठाव के लिए जिला विपणन अधिकारियों और संग्रहण केंद्र प्रभारियों को निर्देश जारी किए गए हैं. वाहनों की सुगम आवाजाही और हमालों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि धान का उठाव तेजी से हो और क्रेताओं को असुविधा न हो.

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निविदाकारों को एम-जंक्शन प्लेटफॉर्म पर पंजीयन के बाद अमानत राशि जमा करने पर प्राइस मेचिंग का विकल्प मिलता है. प्राइस मेचिंग की तिथि से 7 दिनों के भीतर 3 प्रतिशत सुरक्षा निधि जमा करनी होती है. इसके बाद निर्धारित अवधि में स्टॉक का वास्तविक मूल्य ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म पर जमा करना होता है. राशि प्राप्त होने पर क्रेता को लिफ्ट ऑर्डर जारी किया जाता है. बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन निविदाकारों ने प्राइस मेचिंग के दौरान सुरक्षा निधि या धान का क्रय मूल्य (MVP) समय पर जमा नहीं किया, उन्हें 15 जुलाई 2025 तक की अंतिम समय-सीमा दी गई है. खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में चावल जमा करने की शेष मात्रा की अंतिम तिथि 5 जुलाई 2025 तक बढ़ाई गई है. छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन ने इन निर्णयों के लिए खाद्य मंत्री को धन्यवाद दिया है.

मिलरों और क्रेताओं की तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए महाप्रबंधक (विपणन) की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति गठित की गई है.

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CM विष्णु देव साय ने केंद्रीय खाद्य मंत्री से भेंट कर खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में केंद्रीय पूल में चावल जमा करने का लक्ष्य 70 लाख मीट्रिक टन से अधिक बढ़ाने का अनुरोध किया, जिस पर भारत सरकार ने सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया.

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