CG: छत्तीसगढ़ के नगर निगमों में इंदौर मॉडल होगा लागू, PWD मंत्री ने महापौरों और कमिश्नरों के साथ की चर्चा

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का भ्रमण कर वापस लौटे सभी निगमों के महापौर और आयुक्त के लिए आज रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई.
Chhattisgarh PWD Minister held discussions with mayors and commissioners.

छत्तीसगढ़ के PWD मंत्री ने महापौरों और कमिश्नरों के साथ की चर्चा.

CG: छत्तीसगढ़ में जल्द ही इंदौर मॉडल लागू होने वाला है. ये मॉडल छत्तीसगढ़ के सभी नगरी निकायों के विकास के लिए लागू किया जाएगा. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के सभी 14 निगमों के महापौर और आयुक्त 20 जून से 24 जून तक दो बैचों में देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के अध्ययन भ्रमण पर गए थे. इस दौरान उन्होंने इन्दौर के कचरा प्रबंधन और स्वच्छता गतिविधियों के लिए नगर निगम द्वारा स्थापित कार्यप्रणाली का अध्ययन किया. उन्होंने शहर को स्वच्छ, सुंदर एवं सुविधापूर्ण बनाने वहां अपनाए गए नवाचारों के बारे में भी जानकारी ली.

रायपुर में आयोजित हुई एक दिवसीय कार्यशाला

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का भ्रमण कर वापस लौटे सभी निगमों के महापौर और आयुक्त के लिए आज रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई. इस कार्यशाला में नगरीय प्रशासन मंत्री और उप मुख्यमंत्री अरुण साव शामिल हुए. कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए बेस्ट प्रेक्टिसेस को राज्य में अपनाने पर मंथन किया गया. इंदौर अध्ययन प्रवास से लौटे सभी महापौर और आयुक्त ने अपने अनुभव को साझा किया. प्रदेश में स्वच्छता अभियान को लेकर भविष्य की योजनाओं, नवाचारों और रणनीतियों पर भी कार्यशाला में चर्चा की गई.

उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में देश के अन्य स्वच्छ शहरों की तुलना में हम और क्या बेहतर प्रयास करें, इस पर कार्यशाला में विचार-विमर्श किया गया. देश के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा वाले इंदौर शहर में इसके लिए क्या काम किए जा रहे हैं, उन्हें परखकर नवाचारों और बेस्ट प्रेक्टिसेस को अपने राज्य में भी लागू करेंगे.

इंदौर मॉडल के तहत ये नवाचार छत्तीसगढ़ में होगा लागू

इंदौर का सफाई मॉडल छत्तीसगढ़ में होगा लागू, गीले एवं सूखे कचरे के प्रबंधन को इंदौर के तर्ज पर अपनाया जाएगा. सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा. शहरों में अलग-अलग जोनों में आरआरआर (रियूज, रिड्यूस, रिसाइकल) केंद्र खोले जाएंगे, एनजीओ के सहयोग से इसका संचालन किया जाएगा. कचरा कलेक्शन के लिए विशेष टीम बनाई जाएगी, जो सफाई वाहनों की मॉनिटरिंग करेगी.

6 श्रेणियों में सेग्रीगेट (छांटना) की प्रक्रिया शुरू होगी

इंदौर की तर्ज पर कचरे को 6 श्रेणियों में सेग्रीगेट (छांटना) करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जिससे वैज्ञानिक तरीके से कचरे का प्रबंधन हो सकेगा. कपड़ों की रिसाइकलिंग के लिए इंदौर मॉडल से प्रेरित होकर ‘आत्मनिर्भर वार्ड’, बनाए जाएंगे, महिलाएं इसका संचालन करेंगी.

कवर्ड नाली सिस्टम को लागू करने की भी योजना है

इंदौर में चल रही जनजागरूकता मुहिम से सीख लेकर छत्तीसगढ़ के शहरों में भी एनजीओ के सहयोग से जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. ठेके पर संचालित स्वच्छता कार्यों की निगरानी के लिए एक विशेष टास्क फोर्स गठित की जाएगी, जो आउटसोर्सिंग एजेंसियों के कार्यों की नियमित समीक्षा करेगी. आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन और रिसायकल केंद्र का निर्माण होगा. इंदौर के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का 311 शिकायत निवारण एप का फार्मूला भी छत्तीसगढ़ में अपनाया जाएगा.

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