20 लाख का इनाम, खुद से दोगुने उम्र के व्यक्ति से प्यार, फिर शादी और मौत; बेहद दिलचस्प है नक्सली अरुणा की कहानी

Red Corridor: पढ़िए 20 लाख के इनामी एक ऐसे महिला नक्सली की कहानी, जिसने नक्सल संगठन में रहकर अपने से दोगुने उम्र के शख्स से प्यार और शादी की. जानिए नक्सली अरुणा का सफर-
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नक्सली अरुणा की कहानी

Red Corridor: 18 जून 2025 को छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर नक्सली मुठभेड़ में 3 नक्सली ढेर कर दिए गए. इन मारे गए नक्सलियों में 47 साल की स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर (SZCM) चैतन्या वेंकट रवि उर्फ अरुणा भी शामिल थी. अरुणा विशाखापत्तनम के पेंडुर्थी मंडल के करकावानीपालेम की रहने वाली थी, 25 साल पहले नक्सली संगठन में शामिल हुई और नक्सलियों के पोलित ब्यूरो मेंबर्स में से एक चलपति की पत्नी थी. अरुणा एसजेडसीएम के साथ सीनियर नक्सली लीडर थी, जिसपर 20 लाख रुपए का इनाम घोषित था. बीते कुछ सालों से अरुणा गंभीर स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझ रही थी, लेकिन उसने संगठन के लिए काम करना जारी रखा. परिवार के सदस्यों में से केवल अरुणा के भाई की जानकारी मिलती है, जो नक्सली था और गलीकोंडा एरिया का कमांडर था. साल 2015 में पुलिस मुठभेड़ में आजाद मारा गया था.

चलपति और अरुणा की प्रेम कहानी

नक्सली संगठन में शामिल होने के बाद अरुणा जंगल में ही रहने लगी. उसकी जिंदगी में सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट तब आया, जब उसे नक्सलियों के केंद्रीय समिति सदस्यों में से एक चलपति से प्यार हुआ. तब चलपति का कद नक्सल संगठन में बहुत बड़ा था. अरुणा जब चलपति से मिली तो दोनों में प्यार हो गया. दोनों की उम्र में दोगुने से भी ज्यादा का अंतर था. अरुणा तब केवल 22 साल की थी जबकि चलपति करीब 59 साल का था. 2000 से 2001 के बीच अरुणा और चलपति ने शादी कर ली, जिसके बाद चलपति को संगठन के लोगों का सामना भी करना पड़ा और उसे एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया. दोनों ने जंगल में रहते हुए ही अपना वैवाहिक जीवन पूरा किया. इनकी शादी लगभग 16 साल तक चली. चलपति और अरुणा के कई बार सरेंडर करने की खबरें भी सामने आईं.

दो बार मरने से कैसे बची अरुणा?

साल 2016 में आंध्र प्रदेश में हुए एक एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने एक स्मार्टफोन बरामद किया था, जिसमें अरुणा और चलपति की एक सेल्फी थी. इसी सेल्फी के कारण दोनों की पहचान हुई थी. इसके ठीक 3 महीने बाद ये खबर आई कि ओडिशा में हुए एक एनकाउंटर में अरुणा मारी गई, लेकिन ये खबर झूठ निकली. वहीं, इसी साल जनवरी में छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर गरियाबंद में सुरक्षाबल के जवानों ने चलपति को मार गिराया. तब भी ये खबर आई थी कि उसके साथ उसकी पत्नी और सीनियर नक्सली लीडर अरुणा भी मारी गई, लेकिन वो वहां से बच निकलने में कामयाब रही थी.

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अरुणा कई बड़े नक्सली हमलों में शामिल थी

अरुणा पर कई गंभीर आरोप थे. नक्सलियों ने साल 2018 में विशाखापत्तनम में दो टीडीपी नेताओं की गोली मारकर हत्या कर दी थी. नक्सली अरुणा भी टीडीपी नेता और अराकू विधायक किदारी सर्वेश्वर राव और पूर्व विधायक सिवेरी सोमा की हत्या में शामिल थी. आखिरकार 18 जून 2025 को सुरक्षाबल के जवानों को बड़ी कामयाबी मिली और उन्होंने एनकाउंटर में अरुणा को मार गिराया.

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