पानी टंकी-वॉशरूम में गंदगी का अंबार, कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स का हाल देख आप भी हो जाएंगे परेशान

Raipur: रायपुर स्थित कुशाभाउ ठाकरे यूनिवर्सिटी के हाल इतने ज्यादा बेहाल हैं कि उन्हें देख आप भी परेशान हो जाएंगे. ऐसे में NSUI ने प्रशासन से इन समस्याओं को तुरंत दूर करने की मांग की है.
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कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय

Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का हाल बेहाल है. यूनिवर्सिटी कैंपस में पढ़ने वाले छात्र और हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को न तो पीने के लिए साफ पानी मिल रहा है और न ही वॉशरूम में सफाई है. यहां तक की भीषण गर्मी में बिजली कटौती भी हो रही है, जिससे न सिर्फ छात्रों को रहने में परेशानी हो रही है बल्कि उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. साथ ही गंदगी से उनके स्वास्थय को भी खतरा है.

कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी में हाल-बेहाल

कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी केहॉस्टल में रहने वाले छात्र गंभीर अव्यवस्थाओं के बीच में रहने के लिए मजबूर हैं. यहां वॉशरूम और पानी की टंकी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इतना ही नहीं कैंटीन-मेस भी सही तरीके संचालित नहीं हो रही है, जिससे छात्रों को खाने की भी समस्या हो रही है. हॉस्टल में बिजली कटौती ने भी छात्रों की परेशानी को प्रभावित कर रखा है.

NSUI ने की समस्याओं के समाधान की मांग

नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के राष्ट्रीय सचिव हनी बग्गा के नेतृत्व मे 14 मई को यूनिवर्सिटी में जोरदार हंगामा हुआ. छात्रों और NSUI कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से तत्काल प्रभाव से उचित समाधान के लिए अल्टीमेटम देकर समस्याओं को दूर करने की मांग की.

इन समस्याओं से छात्र परेशान

  • कैंटीन-मेस संचालित नहीं हो रही हैं, जिससे छात्रों को खाने की परेशानी हो रही है
  • बार-बार बिजली कटने से छात्रों की रात में पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
  • छात्रावास में सफाई नहीं हो रही है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है.
  • वॉशरूम में भयंक गंदगी है और पानी टंकी भी कई साल से साफ नहीं हुई है.

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छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने बताया कि कई बार शिकायत करने के बाद भी अब तक समस्याओं का कोई समाधान नहीं किया गया है. वहीं, NSUI के राष्ट्रीय सचिव हनी बग्गा ने कहा कि छात्रों का शैक्षणिक और मानसिक विकास विश्वविद्यालय की प्राथमिक जिम्मेदारी है. छात्रावास की इन समस्याओं को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है, जिसका सीधा प्रभाव छात्रों की पढ़ाई और स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. छात्र प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्र से आते हैं और विश्वविद्यालय से उचित व्यवस्था के भरोसे छात्रावास में रह कर पढ़ाई करते हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय की तरफ से छात्रों को सुविधा से दूर रखना बहुत ही शर्मनाक बात है. इस मामले में 15 मई को मानव अधिकार आयोग में शिकायत करेंगे.

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