नक्सलियों के ‘The End’ के लिए 31 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च, लोकसभा में मंत्री नित्यानंद राय ने दी पूरी जानकारी
नक्सलियों को खत्म करने में 31 हजार करोड़ रुपए खर्च
Naxalism: ‘लाल आतंक’ का खौफ फैलाने वाले नक्सलियों के खात्मे के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डेडलाइन तय कर दी है. 31 मार्च 2026 तक उन्होंने देश के नक्सल मुक्त होने का संकल्प लिया है. इस संक्लप के बाद लगातार छत्तीसगढ़ समेत देश के सभी नक्सल प्रभावित इलाकों में जवानों द्वारा ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा नक्सली लीडर सरेंडर भी कर रहे हैं. नक्सलवाद को लेकर लोकसभा में भी चर्चा हुई. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में वामपंथी उग्रवाद को लेकर बड़ी जानकारी दी. साथ ही नक्सलियों को खत्म करने में कितना खर्चा आ रहा है यह भी बताया.
31 हजार 867 करोड़ रुपए खर्च
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में मार्च 2026 तक ‘लाल आतंक’ को खत्म करने का संकल्प दोहराते हुए नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा ढांचे को लेकर जरूरी आंकड़े पेश किए. उन्होंने बताया कि बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में करीब 31 हजार 867 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जिसकी वजह से नक्सलवाद तेजी से खत्म होने की कगार पर पहुंच रहा है.
उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार की विशेष सहायता से नक्सल प्रभावित इलाकों में CAPF बटालियन भेजी गई है, जिसकी 574 कंपनीयां नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात हैं. साथ ही सड़क, शिक्षा और विकास के लिए 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि दी गई है.
| साल 2004- 2014 | साल 2015-2025 | कमी | |
| हिंसक घटनाएं | 16 हजार 135 | 7134 | 56% |
| मृत्यु नागरिक | 4684 | 1404 | 70% |
| शहीद जवान | 1824 | 464 | 75% |
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के जवाब के प्रमुख बिंदु
- वामपंथी उग्रवादी को न तो भारत के संविधान में विश्वास है, न ही भारत के लोकतंत्र में विश्वास है. भारत राष्ट्र के संस्थापक सिद्धांतों पर इनको कोई भरोसा नहीं है. इन वामपंथी उग्रवादियों ने हजारों-हजार निर्दोष लोगों की हत्या की है. हजारों बच्चों को अनाथ किया है और हजारों महिलाओं का सुहाग उजाड़ा है.
1. वामपंथी उग्रवाद की समस्या वर्ष 1967 से चली आ रही है.
2. एक समय था जब पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक का पूरा क्षेत्र ‘रेड कॉरिडोर’ कहलाता था, अब सिमटकर थोड़ा बचा है. प्रधानमंत्री जी के सक्षम नेतृत्व और गृह मंत्री जी के सफल मार्गदर्शन में मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद का सफाया हो जाएगा. अब बचने वाला नहीं है.
3. पहले की सरकारें वामपंथी उग्रवाद को राज्य की समस्या मानती थीं, जिसके कारण केंद्र ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ कोई ठोस नीति नहीं बनाई थी.
4. लेकिन मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ एक समग्र और प्रभावी ठोस नीति बनाई. जहां केंद्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद का सफाया करने का संकल्प लिया. राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस अभियान को सफल बनाया जा रहा है.