मैनपाट कंवर्जन पर MLA रामकुमार टोप्पो का बड़ा बयान, बोले- ‘माझी परिवारों के घरों में चूल्हे कैसे जलते हैं इसे देखने की जरूरत, कानूनी कार्रवाई होती रहेगी’

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में माझी परिवार के बच्चों का कंवर्जन कराने के मामले में सीतापुर विधानसभा के विधायक रामकुमार टोप्पो ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि माझी परिवारों के घरों में चूल्हे कैसे जलते हैं इसे देखने की जरूरत है. कानूनी कार्रवाई तो होती रहेगी.
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MLA रामकुमार टोप्पो

Chhattisgarh: सरगुजा जिले के मैनपाट में माझी परिवार के बच्चों का कंवर्जन कराने का मामला सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए एक महिला के खिलाफ केस दर्ज किया है. अब इस केस को लेकर सीतापुर विधानसभा के विधायक रामकुमार टोप्पो ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को रोकने के लिए हमें सबसे पहले उन परिवारों के बीच जाने की जरूरत है जो अपना धर्म बदल ले रहे हैं. हमें उनके घर पहुंच कर यह देखना है कि उनके घर में चूल्हा कैसे जल रहा है. उनके परिवार की माली स्थिति कैसी है. उन्होंने कहा कि हम सभी को इस पर ध्यान देना होगा, सरकार तो काम कर रही है.

‘कंवर्जन के खिलाफ कार्रवाई होती रहेगी’

MLA रामकुमार टोप्पो ने कहा- सिर्फ धर्मांतरण के खिलाफ कार्रवाई होती रहेगी, लेकिन इसका ठोस हल नहीं निकलने वाला है. रामकुमार टोप्पो का यह बयान तब सामने आया है जब दो दिन पहले एक महिला द्वारा नाबालिक बच्चों को चर्च ले जाया जा रहा था और तब आरोप लगा था कि उन बच्चों का माइंड वॉश कर धर्मांतरण कराने की तैयारी चल रही है.

माझी परिवार के बच्चों का कंवर्जन

रामकुमार टोप्पो सीतापुर विधानसभा क्षेत्र से आते हैं. सीतापुर विधानसभा क्षेत्र में ही मैनपाट भी आता है और मैनपाट के कई गांव में सबसे अधिक माझी जनजाति के लोग रहते हैं. इस जनजाति के लोगों में शिक्षा,गरीबी और जागरूकता का बहुत बड़ा अभाव है. माझी जनजाति और पहाड़ी कोरबा जनजाति के लोग आज भी दो वक्त की रोटी के लिए तरसते हैं. यह अलग बात है कि सरकार की तरफ से मुफ्त में उन्हें अनाज मिल जाता है.

बंधुआ मजदूरी करतें हैं माझी परिवार के बच्चे

इस इलाके में माझी जनजाति और पहाड़ी कोरवा जनजाति की नाबालिक लड़कियां और लड़के स्कूलों से बेहद दूर हैं. सिर्फ कागजों में ही स्कूलों में इनका नाम दर्ज दिखाई देता है. यहां जनजाति परिवार के बच्चे दूसरे समुदाय के लोगों के यहां बंधुआ मजदूरी भी कर रहे हैं. हालांकि जांच नहीं होने के कारण मामले सामने नहीं आ रहे हैं. रोजगार के अभाव में जनजाति परिवार के युवक-युवतियां और नाबालिक लड़कियां महानगरों में जाकर काम करने के लिए मजबूर हैं और कई बार मानव तस्कर भी इन्हें बेच चुके हैं.

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यही वजह है कि धर्मांतरण करने वाले लोग इन्हें अपने जाल में आसानी से फंसा पा रहे हैं. इन्हें अलग-अलग तरीके से बेहतर जीवन का झांसा देकर चर्च और चंगाई सभा में लेकर जाते हैं. जागरूकता के अभाव में जनजाति परिवार के लड़के-लड़कियां और दूसरे लोग चर्च और चंगाई सभा जाना शुरू कर देते हैं. इसके अलावा अभाव के बीच जिंदगी जी रहे इन लोगों तक सनातनी समाज और हिंदू समुदाय के लोग भी नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसी बात का जिक्र विधायक रामकुमार टोप्पो ने अप्रत्यक्ष रूप से करते हुए कहा है कि उनकी चूल्हे को जाकर देखना चाहिए कि इनका चूल्हा जल भी रहा है या नहीं.

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