छत्तीसगढ़ के मुसुरपुट्‌टा गांव में 12 साल से 10वीं-12वीं के टॉपर्स को प्लेन से घुमा रहे गांव वाले, अनोखी मिसाल कर रहे पेश

CG News: छत्तीसगढ़ के दुधावा क्षेत्र के मुसुरपुट्‌टा गांव ने अनोखी मिशाल पेश की है. यहां गांव के लोगों ने हवाई जहाज से सैर कराने का सपना दिखाकर गांव के बच्चों को पढ़ाई में बेहतर बना दिया. वहीं इस गांव में गांव वालों ने पिछले 12 साल से 10वीं-12वीं के टॉपर्स को प्लेन से घुमाया जा रहा है.
Chhattisgarh

10वीं-12वीं के टॉपर्स को प्लेन से घुमा रहे गांव वाले

CG News: छत्तीसगढ़ के दुधावा क्षेत्र के मुसुरपुट्‌टा गांव ने अनोखी मिशाल पेश की है. यहां गांव के लोगों ने हवाई जहाज से सैर कराने का सपना दिखाकर गांव के बच्चों को पढ़ाई में बेहतर बना दिया. वहीं इस गांव में गांव वालों ने पिछले 12 साल से 10वीं-12वीं के टॉपर्स को प्लेन से घुमाया जा रहा है.

मुसुरपुट्‌टा में 10वीं-12वीं के टॉपर्स को प्लेन से घुमा रहे गांव वाले

अब गांव के ज्यादातर बच्चे दसवीं और बारहवीं प्रथम श्रेणी में पास हो रहे हैं. करीब 1900 की आबादी वाले मुसुरपुट्‌टा गांव में 12 साल पहले 2013 में गांव के टॉपर्स को हवाई जहाज से सैर कराने की योजना बनी ताकि गांव में पढ़ाई का माहौल बने.

सब मिलकर करते हैं खर्च

इस अनोखी योजना का संचालन गांव के ही शासकीय सेवा में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों ​ने मिलकर किया. योजना के संस्थापक सदस्य शिक्षाविद धनराज भास्कर ने बताया कि गांव के बहुत से लोग शासकीय सेवाओं में हैं, जो इसका सारा खर्च उठाते हैं.

ये भी पढ़ें- CG Assembly Winter Session: आज शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन, अनुपूरक बजट समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा, विपक्ष भी पूछेगा सवाल

पहले इस योजना से गांव से निकले 15 शासकीय अधिकारी-कर्मचारी जुड़े थे. अब यह संख्या 110 हो गई है, जिनमें डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, शिक्षक, पुलिसकर्मी, सेना के जवान, क्लर्क सब हैं. दीपावली पर गांव के सभी अधिकारी एकत्र होते हैं.

टॉपर बन रहे बच्चे

धीरे-धीरे मेहनत का असर दिखने लगा. परीक्षा के नतीजे आए तो सभी हैरान रह गए. कई बच्चे जो पहले पिछड़ते थे, वे अब टॉप करने लगे. स्कूल का परिणाम पहले से काफी बेहतर हो गया. बच्चों के आत्मविश्वास में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई. बच्चों ने न सिर्फ अच्छे अंक हासिल किए, बल्कि अनुशासन, आत्मविश्वास और बड़े सपने देखने की आदत भी सीख ली. टीचर के मुताबिक, बच्चों को अगर सही दिशा और एक अच्छा सपना दिखा दिया जाए, तो वे असंभव को भी संभव कर सकते हैं. यह कहानी बताती है कि पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है. सही मार्गदर्शन, प्रेरणा और विश्वास से बच्चों की किस्मत बदल सकती है. छत्तीसगढ़ की यह पहल आज कई शिक्षकों और स्कूलों के लिए एक मिसाल बन गई है.

ज़रूर पढ़ें