छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक दिन, नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीति पर जताया भरोसा…210 माओवादियों के सरेंडर पर बोले CM साय
210 माओवादियों के सरेंडर पर बोले CM साय
Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ के इतिहास में आज का दिन बेहद ही ज्यादा एतिहासिक रहा. आज नक्सली बड़ी संख्या में लाल आतंक का साया छोड़कर मुख्यधारा से जुड़े. आत्मसमर्पित नक्सलियों ने बंदूकों को छोड़कर अपने हाथों में देश के संविधान को थामा.
प्रदेश की साय सरकार पर भरोसा जताया. सरकार ने नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति चलाई है. उसे समझा, कि ये नीति उनके लिए और उनकी आने वाली पीढ़ी के लिए एक नई दिशा देगी. नक्सलियों के हाथों में ये संविधान बता रहा है कि नक्सली अब समझ गए हैं कि हिंसा से किसी का भला नहीं होने वाला है. वे अब आने वाली पीढ़ी को एक नया सवेरा देने के बारे में सोच रहे हैं. ये तस्वीर चीख चीख कर कह रही है, कि अब हम बदलते बस्तर का सवेरा देखना चाहते हैं.
नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीति पर जताया भरोसा – CM साय
आज जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने सरेंडर किया. इसे लेकर CM विष्णु देव साय ने प्रेस कांफ्रेंस की. यह छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक दिन है. नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीति और संविधान पर भरोसा जताया है. उन्हें पीएम आवास मिलेगा. उन्होंने आगे कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं होने वाला है. हमें बहुत दुख होता था कि नक्सलवाद के कारण मरने वाले और मारने वाले अपने लोग होते थे. हमारी सरकार बनने के बाद नक्सलवाद खात्मे का फैसला लिया गया. वहीं उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पुनर्वास नीति सबसे अच्छी है.
153 खतरनाक हथियारों के साथ सरेंडर
दंडकारण्य अभियान के दौरान कुल 153 हथियार आत्मसमर्पण किए गए, जिनमें 19 एके-47 राइफलें, 17 एसएलआर राइफलें, 23 इंसास राइफलें, 1 इंसास एलएमजी, 36 .303 राइफलें, चार कार्बाइन, 11 बीजीएल लांचर, 41 बारह-बोर/सिंगल-शॉट बंदूकें और एक पिस्तौल शामिल हैं.
अंत की ओर लाल आतंक
नक्सलियों के मेगा सरेंडर ने ये दिखा दिया कि लाला आतंक का साया अब अपने अंतिम चरण में है…बस्तर के विकास में सबसे बड़ी बाधा अब अपनी अंतिम सांसे गिन रही है…जिसके बाद अब बस्तर में तेजी से विकास होगा…और इन सभी मुख्यधारा से जुड़ने वाले नक्सलियों से इंस,पायर होकर आगे और भी कई नक्सली मुख्यधारा से जुड़ेंगे…जिसके बाद बस्तर का विकास रथ अपनी सबसे तेज बति के साथ आगे बढ़ेगा.