छत्तीसगढ़ के पंडी राम मंडावी को पद्मश्री पुरस्कार, गोंड मुरिया जनजाति के हैं कलाकार
पंडी राम मंडावी
CG News: केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दिया है. इस बार छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के गोंड मुरिया जनजाति के जाने-माने कलाकार पंडी राम मंडावी को भी पद्मश्री पुरस्कारों की सूची में शामिल किया गया है.
पंडी राम मंडावी को पद्मश्री पुरस्कार
नारायणपुर जिले के गोंड मुरिया जनजाति के जाने-माने कलाकार पंडी राम मंडावी को भी पद्मश्री पुरस्कारों की सूची में शामिल किया गया है. पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण और लकड़ी की शिल्पकला के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पंडी राम मंडावी को पद्मश्री से नवाजा जाएगा.
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गोंड मुरिया जनजाति के हैं कलाकार
बता दें कि 67 वर्षीय पंडी राम मंडावी की विशेष पहचान बांस की बस्तर बांसुरी, जिसे ‘सुलुर’ कहा जाता है, के निर्माण में है. इसके अलावा, उन्होंने लकड़ी के पैनलों पर उभरे हुए चित्र, मूर्तियां और अन्य शिल्पकृतियों के माध्यम से अपनी कला को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है. पंडी राम मंडावी ने मात्र 12 वर्ष की आयु में अपने पूर्वजों से यह कला सीखी और अपने समर्पण व कौशल के दम पर छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. सिर्फ इतना ही नहीं एक सांस्कृतिक दूत के रूप में उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन 8 से अधिक देशों में किया है. साथ ही, अपने कार्यशाला के जरिए 1,000 से अधिक कारीगरों को प्रशिक्षण देकर इस परंपरा को नई पीढ़ियों तक पहुंचाने का कार्य किया है.
तीन श्रेणियों में दिया जाता है पद्म पुरस्कार
वहीं नामों के ऐलान के बाद मार्च या अप्रैल महीने में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किये जाने वाले सम्मान समारोहों में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म पुरस्कार विजेताओं को दिया जाता है. पद्म पुरस्कारों को तीन श्रेणियों में दिया जाता हैं, जिनमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री शामिल हैं.