‘लाल आतंक’ के लिए काल 2025 का साल! गरियाबंद मुठभेड़ में 16 नक्सली ढेर, मारा गया ओडिशा कैडर का चीफ
File Image
Chhattisgarh Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर ‘लाल आतंक’ पर बड़ा प्रहार किया है. छत्तीसगढ़-ओडिशा के बॉर्डर के पास गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट के जंगलों में सोमवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस दौरान जवानों ने 16 नक्सलियों को मार गिराया है. इस मुठभेड़ में ओडिशा कैडर का चीफ चलपती भी मारा गया है. उस पर 1 करोड़ का इनाम था. पिछले 36 घंटे से मुठभेड़ जारी है.
सोमवार सुबह से रुक-रुक कर हो रही है फायरिंग
छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा के पास कुल्हाड़ी घाट रिजर्व फॉरेस्ट में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच सोमवार सुबह से रुक-रुक कर फायरिंग जारी है. सोमवार सुबह 2 नक्सली ढेर हुए थे. इसके बाद रात में फिर मुठभेड़ हुई. मंगलवार सुबह खबर लिखे जाने तक 16 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. सोमवार सुबह मुठभेड़ में कोबरा बटालियन का एक जवान घायल भी हो गया था.
सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को घेरा
गरियाबंद डीआरजी, ओडिशा की एसओजी, कोबरा की 207 बटालियन और सीआरपीएफ के जवानों ने मिलकर यह बड़ी कामयाबी हासिल की है. जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान करीब 60 नक्सली मौजूद थे. कुल्हाड़ी घाट रिजर्व फॉरेस्ट में ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस की 10 टीमों ने संयुक्त एंटी नक्सल ऑपरेशन शुरू किया था. इसमें 3 एसओजी, 2 छत्तीसगढ़ पुलिस (E-30), और 5 सीआरपीएफ की टीम शामिल थी.
पहले ही शुरू हो गई थी मुठभेड़ की तैयारी
इस मुठभेड़ की रणनीति जनवरी के शुरुआत में ही तय कर ली गई थी. इंटेलिजेंस ब्यूरो की पुख्ता सूचना के आधार पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. बस्तर में जिस तरह से नक्सलियों पर दबाव बढ़ रहा है, वे सुरक्षित ठिकानों की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं.
इसी जगह से पहले भाग निकले थे नक्सली
जिस जगह मुठभेड़ हुई है, वहां पर सुरक्षाबलों ने पिछले तीन साल में पांच बार नक्सलियों को घेरा था, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे. इस बार सुरक्षाबलों के संयुक्त ऑपरेशन और सटीक रणनीति के चलते नक्सली ढेर हुए हैं. इसके अलावा बीजापुर के थाना पामेड़ और उसुर के सरहदी इलाके में चार दिन पहले हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबल ने 18 नक्सलियों को ढेर किया था.