Raipur: सप्रे स्कूल के बाहर बच्चों को चर्च ले जाने का दबाव, तीन महिलाएं गिरफ्तार
सिटी कोतवाली थाना
Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से हैरान और परेशान करने वाला मामला सामने आया है. इस बार रायपुर में खुलेआम कंवर्जन के लिए स्कूली बच्चों को टारगेट किया गया है. कंवर्जन को लेकर माधवराव सप्रे स्कूल के बच्चों का ब्रेन वॉश करने की कोशिश की गई है. 27 जून की दोपहर कुछ महिलाओं ने स्कूल में कक्षा 9वीं-10वीं क्लास के छात्रों को स्कूल के बाहर कंवर्जन के लिए ब्रेन वॉश करने की कोशिश की. इसकी शिकायत मिलने पर आरोपी महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
जानें पूरा मामला
सप्रे स्कूल में हिंदी मीडियम वाले बच्चों की क्लास सुबह 7:00 बजे से 11:45 तक लगती है. शुक्रवार की दोपहर 11:45 बजे सप्रे स्कूल में पढ़ने वाला दसवीं का छात्र अपने तीन दोस्तों के साथ स्कूल से अपने घर जाने के लिए निकला. छात्र जैसे ही स्कूल के बाजू में स्थित हनुमान मंदिर के पास पहुंचे वहां तीन महिलाएं पहुंची और बच्चों को कहने लगी कि इसाई धर्म से जुड़ जाओ. बच्चों ने इसका विरोध किया और बच्चों ने कहा हम हिंदू धर्म के लोग हैं.
इसके बाद महिलाएं बच्चों के पीछे पड़ गई और उनका पीछा करने लगी. महिलाओं ने बच्चों के सामने हिंदू देवी-देवता के बारे में अपशब्द कहे. सभी बच्चे इन सब बातों को सुनकर सहम गए. इसके बाद एक छात्र ने अपने भाई को फोन किया. इसके बाद मामले की सूचना मिलने पर हिंदू संगठन से जुड़े लोग भी मौके पर पहुंचे और महिलाओं को पकड़ लिया. बाद में पुलिस पहुंची और तीनों महिलाओं को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.
कौन-कौन चर्च जाता है?
आरोपी महिलाओं ने बच्चों से पूछा- ‘कौन-कौन चर्च जाता है? जो नहीं जाते, उन्हें चर्च जाना चाहिए.’ चर्च जाने के लिए दबाव बनाने वाली तीन महिलाओं का नाम ममता चौहान, नम्रता चौहान और विभा मसीह है. जानकारी के मुताबिक यह महिलाएं भी कन्वर्टेड हैं और अब यह लोगों को बरगलाकर कंवर्ट करने का काम कर रही थीं.
बच्चों ने बताया कि उनके अलावा आम लोगों को भी महिलाएं आसपास से गुजर रहे आम लोगों से भी उनके धर्म के बारे में पूछ रही थीं.
हिंदू देवी-देवताओं के लेकर अभद्र टिप्पणी
महिलाएं बच्चों के सामने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर रही थीं. चर्च जाने, प्रभु यीशु को मानने और पैसे देने का भी प्रलोभन दे रहीं थीं. महिलाएं, बच्चों से कह रहीं थी कि हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने के लिए कह रही थीं.