‘स्मृतियों को याद कर आज भी मन प्रसन्न हो जाता है…’, छत्तीसगढ़ स्पीकर रमन सिंह समेत सांसद-विधायकों ने शेयर की ‘My Modi Story’

Chhattisgarh: 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. इस मौके पर BJP 17 सितंबर से 2 अक्तूबर तक देशव्यापी ‘सेवा पखवाड़ा’ मनाने जा रही है. साथ ही अलग-अलग राज्यों से पार्टी के वरिष्ठ नेता हैश टैग #MYMODISTORY (माय मोदी स्टोरी) के साथ अपने निजी अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. इस […]
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छत्तीसगढ़ नेताओं की माय मोदी स्टोरी

Chhattisgarh: 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. इस मौके पर BJP 17 सितंबर से 2 अक्तूबर तक देशव्यापी ‘सेवा पखवाड़ा’ मनाने जा रही है. साथ ही अलग-अलग राज्यों से पार्टी के वरिष्ठ नेता हैश टैग #MYMODISTORY (माय मोदी स्टोरी) के साथ अपने निजी अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. इस कड़ी में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह समेत सांसद-विधायकों ने भी अपने अनुभव साझा किए हैं. जानिए किसने अपना कौन-सा किस्सा बताया.

‘स्मृतियों को याद कर आज भी मन प्रसन्न हो जाता है…’

छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व CM डॉ. रमन सिंह ने माय मोदी स्टोरी शेयर करते हुए वह किस्सा शेयर किया, जब वह पहली बार छत्तीसगढ़ के प्रधानमंत्री बने थे. अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए उन्होंने गुजरात के तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया था. सोशल मीडिया पर अपनी मोदी स्टोरी शेयर करते हुए डॉ. रमन सिंह ने लिखा- ‘2003 में जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना तब मोदी जी मेरे शपथ ग्रहण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ आए हुए थे. उस कार्यक्रम के दौरान मैंने मोदी जी के व्यक्तित्व में सरलता और संगठन के प्रति उनके अनुशासन को देखा था, आज वो संस्मरण आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं.’

‘चुनाव प्रचार के लिए आए थे मोदी…’

छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट से सांसद संतोष पांडेय ने भी माय मोदी स्टोरी शेयर की है. उन्होंने साल 2003 में विधानसभा चुनाव का वो किस्सा शेयर किया है, जब गुजरात के तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के लिए आए थे.

‘संगठन के प्रति समर्पण…’

छत्तीसगढ़ के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बिलासपुर से विधायक अमर अग्रवाल ने भी अपनी मोदी स्टोरी शेयर की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘PM नरेंद्र मोदी जी की सबसे विशेष खूबी जो उनके संगठन के प्रति समर्पण के रूप में मुझे देखने को मिली की वो एक-एक कार्यकर्ता को पहचानते हैं. ना केवल पहचानते हैं, नाम से बोलते हैं और बल्कि उनके परिवार के बारे में भी बहुत जानकारी रखते हैं.’

उन्होंने आगे लिखा- ‘जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी, जब वो छत्तीसगढ़ में आते थे और हम उनके स्वागत के लिए वहां होते थे, तो उनका हम सबको नाम से बुलाना , हमारे हाल जानना और यहाx तक की हमारे आदतों की जानकारी भी रखना, हमारे लिए एक सुखद अनुभव रहता था. प्रधानमंत्री के रूप में भी वो जब भी मिले, उन्होंने मेरे बारे में पूछा, फिर परिवार का भी हाल जाना. मगर मेरे लिए सबसे आश्चर्यजनक पल वो रहा जब अंबिकापुर में चुनाव सभा में वो आए थे तो निकलते वक्त उन्होंने मुझसे स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए पूछा की- तुम्हारी डायबिटीज़ कैसी है?’

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