‘हथियार छोड़कर हम दोबारा हथियार नहीं पकड़ना चाहते’, डीआरजी में ना जाने की रूपेश ने बताई वजह

Rupesh Exclusive Interview: रूपेश ने बताया, 'हम जो काम कर रहे हैं, जिस इलाके में काम कर रहे हैं, डीआरजी फोर्स को उसके खिलाफ इस्तेमाल की जा रही है.'
Rupesh explained the reason for not joining DRG.

डीआरजी में ना जाने को लेकर रूपेश ने वजह बताई.

Rupesh Exclusive Interview: जगदलपुर में नक्सलियों के उत्तर पश्चिम सब जोनल प्रभारी रूपेश ने अपने 210 हथियारबंद नक्सलियों के साथ हथियार डाल दिए. इसके बाद रूपेश का पहला फेस टू फेस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू विस्तार न्यूज़ के साथ हुआ है. इस दौरान रूपेश ने वो कई वजह बताईं कि नक्सली हथियार डालने के बाद डीआरजी क्यों नहीं जवाइन करना चाहते हैं.

हथियार छोड़कर दोबारा हथियार नहीं पकड़ना चाहते?

रूपेश ने इंटव्यू के दौरान डीआरजी ना ज्वाइन करने को लेकर भी चर्चा की. रूपेश ने बताया, ‘हम जो काम कर रहे हैं, जिस इलाके में काम कर रहे हैं, डीआरजी फोर्स को उसके खिलाफ इस्तेमाल की जा रही है. डीआरजी हमारे खिलाफ काम कर रही है. डाआरजी का इस्तेमाल नक्सल विरोधी अभियानों में हो रहा है. डीआरजी हमारे ऊपर हमला करेगी. डीआरजी जनता का दमन करती है. इसके साथ ही हम हथियार छोड़कर हथियार क्यों पकड़ेंगे. हमने डीआरजी में जान के लिए किसी को मना नहीं किया है, लेकिन जबरदस्ती किसी को डीआरजी में नहीं शामिल करवाया जाए.’

‘संगठन में शादी करने के लिए मना नहीं किया गया’

वहीं नक्सलियों के शादी ना करने को लेकर भी रूपेश ने जवाब दिया. रूपेश ने कहा, ‘संगठन में शादी ना करने को लेकर ऐसी कोई मनाही नहीं है. ना ही कोई कानून बनाया गया है. हमको बच्चा पैदा करने के लिए भी कोई मनाही नहीं है. लेकिन हम लोग जिस तरह जंगल में रहते हैं और जिन परिस्थितियों में रहते हैं, वहां बहुत परेशानी होती है. ऐसे में बच्चा पैदा करने से दिक्कत होती है.’

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‘जनता के प्यार के कारण 30 साल बीत गए’

रूपेश ने अपने 30 सालों के सशस्त्र संघर्ष के बारे में भी बात की है. रूपेश ने बताया, ‘जनता के प्यार के कारण हमारे 30 साल कट गए. जनता का भरपूर प्यार मिला. सब प्यार के साथ ही हमारी मदद करते हैं, जबरदस्ती कोई मदद नहीं करता. हालांकि पहले की तुलना में हमारे जनाधार में कमी आई है. पहले और अब में अंतर आ गया है. 2009 से अब तक धीरे-धीरे हमारा जनाधार कम हो गया है. ‘

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