कोल लेवी घोटाले और DMF स्कैम में सूर्यकांत तिवारी को बड़ी राहत, SC ने सशर्त दी अंतरिम जमानत

सूर्यकांत तिवारी को कोल लेवी घोटाले का मास्टरमाइंड माना जाता है है. ईडी ने उसे पीएमएलए, 2002 के तहत आरोपी बनाया है.
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मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी

कोल लेवी घोटाले और DMF घोटाले में मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है. इस मामले में मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ सूर्यकांत को अंतरिम जमानत दी है. राज्य से बाहर रहने की शर्त पर सूर्यकांत की अंतरिम जमानत मंजूर की गई है.

छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाला मामले में सूर्यकांत तिवारी को दी गई अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका को सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया. इसके अलावा कोर्ट ने डीएमएफ घोटाला मामले में सूर्यकांत को अंतरिम जमानत दे दी. दोनों घोटालों में अतंरिम जमानत मिलने के बाद अब सूर्यकांत तिवारी जेल से बाहर आएगा.

ईडी ने जब्त की थी संपत्ति

सूर्यकांत तिवारी को कोल लेवी घोटाले का मास्टरमाइंड माना जाता है है. ईडी ने उसे पीएमएलए, 2002 के तहत आरोपी बनाया है और अब तक उससे जुड़े 49.73 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया गया है. इनमें बैंक खातों, वाहन, नकदी, गहने और जमीन शामिल हैं.

रानू साहू और सौम्या चौरसिया को भी मिली थी जमानत

इसके पहले, छत्तीसगढ़ कोयला और DMF घोटाला केस में लंबे समय से जेल में बंद निलंबित IAS रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया को भी सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी. सभी आरोपी लंबे समय से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद थे. सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद 31 मई को सभी आरोपियों को जेल से रिहा किया गया था.

DMF घोटाला क्या है?

EOW द्वारा लगाए गए आरोपों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में 2021-22 और 2022-23 के वित्तीय वर्ष के दौरान जिला खनिज संस्थान (DMF) में करीब 75 करोड़ का घोटाला हुआ था. कोराब में DMF ट्रस्ट के तहत टेंडर की राशि की 40% रकम सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दी गई थी. वहीं, प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है.

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