CG News: ‘सरगुजा में अपने फायदे के लिए धर्मांतरण करा रहा एक गिरोह, पूरा समाज हो रहा बदनाम’, ईसाई धर्म के प्रमुख का बड़ा खुलासा
ईसाई धर्म के प्रमुख विलियम उर्रे से खास बातचीत
CG News: छत्तीसगढ़ में कंवर्जन एक बड़ा मुद्दा है. हमेशा इसे लेकर सियासत भी गरम रहती है. इस बीच ईसाई समुदाय के सरगुजा धर्म प्रांत के विकर जनरल विलियम उर्रे ने विस्तार न्यूज से खास बातचीत में बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने इंटरव्यू के दौरान बताया कि सरगुजा में सिर्फ गिरोह अपने फायदे के लिए कंवर्जन करा रहा है, लेकिन बदनाम पूरा समाज हो रहा है.
लोगों को दिया जा रहा झांसा
विकर जनरल विलियम उर्रे ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया- ‘सरगुजा में कंवर्जन का काम एक गिरोह के द्वारा कराया जा रहा है. लोगों को उनके द्वारा ही झांसा दिया जा रहा है. लोगों से कहा जाता है कि कंवर्जन करने के बाद बीमारियां ठीक हो जाएंगी, जबकि बीमारियों का इलाज अस्पताल में ही संभव है. किसी भी धार्मिक स्थल में जाने के बाद मानसिक रूप से सुकून मिलता है और मानसिक स्वास्थ्य कुछ हद तक ठीक हो सकता है. लेकिन ऐसे कोई बीमारी नहीं ठीक हो सकती.’
‘ईसाई धर्म बदनाम हो रहा है’
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पिछले दिनों उनके भाई के घर में भी धर्मांतरण की बात करने वाले और चंगाई सभा में जाने वाले पहुंच गए थे. वह भी बीमारी ठीक होने की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कंवर्जन की वजह से ईसाई धर्म बदनाम हो रहा है और ऐसा ना हो इसके लिए वे धर्मांतरण करने वाले गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्लान बनाएंगे. साथ ही बैठक कर इस दिशा में ठोस कदम उठाया जाएगा.
आर्थिक फायदे के लिए कराया जा रहा कंवर्जन
विकर जनरल विलियम उर्रे ने बताया कि कंवर्जन करने वाले गिरोह के द्वारा आर्थिक फायदा के लिए ऐसा किया जा रहा है. उनके द्वारा जिन लोगों का धर्मांतरण कराया जाता है उनसे बाद में उनके कमाई का 10% या कुछ हिस्सा धर्म के नाम पर लिया जाता है. इसी से उनकी कमाई होती है.
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उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वह भी पहले ईसाई नहीं थे. वह अंबिकापुर के ही सेंट जेवियर स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने चर्च में प्रार्थना करना शुरू किया. धीरे-धीरे ईसाई धर्म को अपनाने की बात सोची लेकिन माता-पिता इसके लिए तैयार नहीं थे. उनके पिता ने पहली बार में साफ तौर पर खारिज कर दिया था कि वे ईसाई धर्म नहीं अपनाएंगे. उन्होंने बताया कि इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने अपने परिवार के लोगों को समझाया और फिर उनके माता-पिता ने उन्हें ईसाई धर्म अपनाने की अनुमति दी.
विलियम उर्रे के पांच भाई हैं, जिसमें से तीन भाई ईसाई धर्म को मानते हैं. वहीं, दो भाई पहले से सरना धर्म या यू कहें प्रकृति पूजा करते हैं. इसे हिंदू धर्म के रूप में भी समझ सकते हैं. उन्होंने बताया कि प्रकृति पूजा और सरना पूजा में बूढ़ा देव की पूजा की जाती है. बूढ़ा देव को महादेव का ही रूप माना जाता है यानी भगवान शंकर का ही एक रूप बूढ़ा देव हैं.