CG News: बिलासपुर में स्कूलों में सांप-बिच्छू भी आने से रोकेंगे टीचर, जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया आदेश

सांप-बिच्छू पकड़ने जैसी अतिरिक्त जिम्मेदारी जोड़ देने से शिक्षक वर्ग में नाराजगी गहराती जा रही है.
Symbolic picture.

सांकेतिक तस्वीर.

CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक और नया आदेश सामने आया है. अब सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षक न सिर्फ आवारा कुत्तों और मवेशियों को स्कूल परिसर में आने से रोकेंगे, बल्कि सांप, बिच्छू और अन्य जहरीले जीव-जंतुओं की भी निगरानी करेंगे. डीपीआई के आदेश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों को यह निर्देश अनिवार्य रूप से लागू करने को कहा है. हैरानी की बात यह है कि इस आदेश में शिक्षकों के विरोध से बचने के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला दिया गया है.

बच्चों के घायल होने पर टीचर की जिम्मेदारी होगी

20 नवंबर को डीपीआई ने आवारा कुत्तों को स्कूल में प्रवेश से रोकने और उनकी जानकारी निगम तथा जनपद पंचायत को देने का आदेश जारी किया था. लेकिन आज, सिर्फ 18 दिन बाद, एक नया आदेश और जोड़ दिया गया. अब शिक्षकों को सांप-बिच्छू समेत सभी विषैले जीव-जंतुओं को भी स्कूल परिसर में घुसने नहीं देना है. इससे शिक्षकों में असमंजस है, लेकिन कोर्ट के हवाले के कारण खुलकर विरोध करने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पा रहा. बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई जिम्मेदारियां पहले से ही शिक्षकों के सिर पर हैं. अगर बच्चे स्कूल से निकलकर नदी-तालाब की ओर जाते हैं और कोई हादसा होता है.तो पूरी जिम्मेदारी शिक्षक, प्राचार्य और प्रधान पाठक की. अगर स्कूल भवन जर्जर है और कोई बच्चा घायल होता है. इसके लिए भी शिक्षक ही उत्तरदायी होंगे.

आदेश के बाद शिक्षकों में नाराजगी

मध्याह्न भोजन खराब मिलना, बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के साथ ही जाति प्रमाण पत्र, एसआईआर, स्मार्ट कार्ड बनवाना शिक्षकों की ही जिम्मेदारी है. यहां तक कि स्कूल खुलते ही घर-घर जाकर पालकों से बच्चों को सरकारी स्कूल भेजने की अपील भी शिक्षकों को ही करनी है. अब इन सबके बीच सांप-बिच्छू पकड़ने जैसी अतिरिक्त जिम्मेदारी जोड़ देने से शिक्षक वर्ग में नाराजगी गहराती जा रही है. आदेश में दलील सिर्फ एक यह सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है, पालन अनिवार्य है. अब सवाल यही है कि क्या बच्चों की सुरक्षा के नाम पर शिक्षकों पर लगातार बढ़ती जिम्मेदारियां वाकई सही हैं या फिर यह शिक्षकों को बोझ तले दबाने वाला निर्णय है? स्कूलों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया आने वाले दिनों में इस मुद्दे को और गर्मा सकती हैं.

ये भी पढे़ं: CG News: वक्फ सम्पत्तियों को बताने के लिए 2 महीने का अतिरिक्त समय, UMEED पोर्टल पर अपलोड करनी होगी जानकारी

ज़रूर पढ़ें