CG News: अंबिकापुर में स्मार्ट मीटर लगा तो बिजली बिल बढ़ा, लोगों का फूटा गुस्सा, अफसर दे रहे अपनी दलील
स्मार्ट मीटर
CG News: बिजली खपत की रीडिंग करने के लिए लगाए गए स्मार्ट मीटर पर अब लोग सवाल उठाने लगे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि पहले की अपेक्षा स्मार्ट मीटर लगने के बाद उनका बिजली बिल अधिक आ रहा है. इसे लेकर लोगों में नाराज़गी है, जबकि बिजली कंपनी के अधिकारी कह रहे हैं कि स्मार्ट मीटर से 10 प्रतिशत तक बिजली चोरी कम होगी.
छत्तीसगढ़ सरकार बिजली चोरी रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, इसके बावजूद सरगुजा जिले में आज भी लगभग 30 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है. इसी बीच सरकार द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने का काम किया जा रहा है. सरगुजा जिले के लगभग आधे घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं और बाकी जगहों पर यह प्रक्रिया जारी है. लेकिन इस बीच लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि आखिर स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिल अचानक क्यों बढ़ गया. उपभोक्ताओं का कहना है कि उनकी खपत पहले जैसी ही है, फिर भी मीटर लगते ही बिल अधिक आने लगा है. शिकायत करने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.
मोर बिजली एप पर देखें प्रतिदिन की खपत
आने वाले कुछ महीनों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा हो जाएगा. फिलहाल सभी सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. स्मार्ट मीटर लगने के बाद प्रीपेड सिस्टम भी शुरू किए जाने की तैयारी है. इसमें मोबाइल रिचार्ज की तरह उपभोक्ताओं को पहले मीटर रिचार्ज करना होगा और उसके बाद ही वे बिजली का उपयोग कर पाएंगे. यदि रिचार्ज समाप्त हो जाता है, तो उपभोक्ता को चेतावनी मिलेगी और तुरंत मीटर रिचार्ज करना होगा. साथ ही, उपभोक्ता प्रतिदिन कितनी बिजली की खपत कर रहे हैं, यह ‘मोर बिजली’ एप पर भी देखा जा सकेगा.
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अधिकारियों ने दी सफाई
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर से सटीक रीडिंग आ रही है. पहले मीटर रीडिंग करने वाले कर्मचारी उपभोक्ताओं की धमकी या मिलीभगत के कारण कम यूनिट दर्ज कर देते थे, जिससे बिल कम आता था. लेकिन अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद खपत की सटीक रीडिंग दर्ज हो रही है. पहले जितने यूनिट का बिल उपभोक्ता ने नहीं चुकाया था, वे भी स्मार्ट मीटर में जुड़ गए हैं. इसी वजह से फिलहाल अधिक बिल आ रहा है.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि स्मार्ट मीटर पर उपभोक्ताओं का भरोसा कैसे बनेगा? यदि स्मार्ट मीटर में कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं है, तो बिजली कंपनी के अधिकारियों को लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए, ताकि उपभोक्ता स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली को सही तरीके से समझ सकें.