इस समय प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. प्रत्येक दिन एक करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगाने आ रहे हैं. ऐसे में कई श्रद्धालु लंबी दूरी तय कर आ रहे हैं, जिनकी हालत गर्मी और प्यास के कारण बिगड़ने लगती है.
RPF की रिपोर्ट के अनुसार, प्लेटफार्म नंबर 12-13 और 14-15 के यात्रियों ने सीढ़ियों के रास्ते फूट ओवर ब्रिज 2 और 3 पर चढ़ने की कोशिश की, जबकि दूसरी ट्रेन के यात्री सीढ़ियों से उतर रहे थे. इस संकरे रास्ते में यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई, जिसके परिणामस्वरूप कुछ यात्री गिर गए और भगदड़ मच गई.
खान सर के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन में कानूनी पहलू भी जुड़ा है. बिहार के छात्र अब पटना हाईकोर्ट से न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं. इस मामले में सुनवाई जारी है, और 28 फरवरी को इस पर फिर से सुनवाई होगी.
यह योजना खास तौर पर उन लोगों के लिए है, जिन्हें अपनी आय के कारण खुद का घर बनाने में कठिनाई होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस योजना का लाभ केवल कुछ खास लोगों को ही मिलता है? अगर आप भी इसका फायदा उठाना चाहते हैं, तो आपको इस योजना के पात्रता के बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए.
यूट्यूबर्स रणवीर अल्लाहबादिया, समय रैना, अपूर्वा मुखीजा और आशीष चंचलानी को 17 फरवरी को एनसीडब्ल्यू में सुबह 12 बजे पेश होने का समन भेजा गया था. लेकिन किसी भी यूट्यूबर ने व्यक्तिगत रूप से सुनवाई में भाग नहीं लिया.
सैम पित्रोदा के हर बयान पर भाजपा ने उन्हें निशाना बनाया है. भाजपा ने कांग्रेस की मानसिकता पर हमला करते हुए कहा है कि पार्टी के नेता हमेशा चीन और पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया अपनाते हैं.
दिल्ली की राजनीति में जितेंद्र महाजन की छवि को देखकर यह कहा जा सकता है कि अगर बीजेपी को मुख्यमंत्री के रूप में एक क्षेत्रीय नेता की जरूरत है, तो उनका नाम सबसे उपयुक्त होगा. उनका नाम इस समय चर्चा में है और बीजेपी की अंदरूनी बैठकों में भी उनके बारे में विचार किया जा सकता है.
कई नेता इसे सरकार की असंवेदनशीलता और रेलवे के प्रबंधन की कमी के रूप में देख रहे हैं. सवाल उठता है कि जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ के लिए यात्रा कर रहे थे, तब क्या सरकार ने इस भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए थे? क्या रेलवे ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्लेटफार्मों पर यात्रियों की सुरक्षा और सुव्यवस्था को सुनिश्चित किया था?
जांच टीम के एक सदस्य, नरसिंह देव से जब पूछा गया कि हादसे के वक्त आरपीएफ की टीम कम क्यों थी, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और चुप्पी साध ली. इसके अलावा, जब उनसे यह सवाल किया गया कि इस भयावह हादसे का जिम्मेदार कौन है, तो उन्होंने भी इसका जवाब नहीं दिया, बस यह कहा कि वे जांच टीम का हिस्सा हैं और रिपोर्ट आने पर सारी जानकारी सामने आएगी.
प्रशासन ने संगम तक आने वाले वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन संगम से लगभग 10-12 किलोमीटर पहले बनाए गए पार्किंग स्थल पर रोक दिए जा रहे हैं.