हुंडई ने क्रेटा इलेक्ट्रिक की चार्जिंग को लेकर भी कुछ खास जानकारी दी है. कंपनी का दावा है कि इसका बैटरी पैक केवल 58 मिनट में 10% से 80% तक चार्ज हो सकता है, अगर डीसी फास्ट चार्जिंग का इस्तेमाल किया जाए.
सिर्फ अभिनेता नहीं, अब निर्माता और निर्देशक भी इस फिल्म के चक्रव्यूह में फंसे हुए थे. 1971 में जब फिल्म का निर्माण फिर से चालू हुआ, तब एक और दुखद घटना घटी. के. आसिफ का निधन हो गया.
'चाय वाले बाबा' का सबसे बड़ा काम है, आईएएस की तैयारी कर रहे छात्रों की मदद करना. इनका काम कोई साधारण नहीं है. यह बाबा व्हाट्सएप के जरिए बच्चों को स्टडी मटेरियल भेजते हैं और उनकी तैयारियों में मदद करते हैं.
महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रयागराज शहर को पूरी तरह से नया रूप दिया गया है. यहीं नहीं, इस बार डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल भी बड़े पैमाने पर किया गया है. तीर्थयात्रियों के लिए ऑनलाइन बुकिंग, डिजिटल पेमेंट, और अन्य सुविधाओं के लिए एप्लिकेशन विकसित की गई हैं.
अदालत ने यह भी बताया कि दंपति के बीच 28 नवंबर 2024 को हुए समझौते के तहत पिता अपनी पत्नी और बेटी को कुल 73 लाख रुपये देने पर सहमत हुए थे, जिसमें 43 लाख रुपये बेटी की शिक्षा के लिए निर्धारित थे.
इस अजीबोगरीब इस्तीफे को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिनमें अलग-अलग दृष्टिकोण देखने को मिले. इस वायरल लेटर पर कई यूजर्स ने मजेदार और रोचक कमेंट्स किए हैं.
फिल्म अर्जुन पंडित में जूही चावला और सनी देओल की जोड़ी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया. इससे पहले दोनों ने डर जैसी सुपरहिट फिल्म में भी साथ काम किया था. उनकी कैमिस्ट्री दर्शकों के बीच हमेशा ही खास रही है, और यही वजह है कि दोनों की जोड़ी को फिर से देखने की ख्वाहिश हमेशा बनी रहती है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की मुफ्त योजनाओं ने पिछले कुछ सालों में राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं. मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी योजनाओं के चलते AAP ने दिल्ली की जनता में एक मजबूत आधार तैयार किया है.
कुमार विश्वास के इस बयान के बाद, बाबा रामदेव ने ट्विटर पर अपना जवाब दिया. उन्होंने कहा, "कुमार विश्वास के पिता जी जब घर आते हैं तो उन्हें समझाते हैं, और कहते हैं कि बाबा के बारे में उल्टा बोलना छोड़ दे. उनके माता-पिता मेरे परमभक्त हैं."
गांव के अधिकांश निवासी मजदूर वर्ग से हैं, जो अक्सर व्यस्तता के कारण स्वच्छता का ध्यान नहीं रख पाते. स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की समस्याएं आमतौर पर साल में कुछ ही मामलों में देखी जाती हैं, लेकिन इस बार यह समस्या बहुत बड़ी संख्या में फैल गई है.