गांव के अधिकांश निवासी मजदूर वर्ग से हैं, जो अक्सर व्यस्तता के कारण स्वच्छता का ध्यान नहीं रख पाते. स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की समस्याएं आमतौर पर साल में कुछ ही मामलों में देखी जाती हैं, लेकिन इस बार यह समस्या बहुत बड़ी संख्या में फैल गई है.
दिल्ली में कांग्रेस के सामने अब दोहरा संकट है – एक ओर जहां AAP और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होगी, वहीं दूसरी ओर पार्टी को INDIA गठबंधन से भी बाहर होते हुए अपनी राह खुद तय करनी होगी. कांग्रेस के नेताओं को यह विचार करना होगा कि किस तरह से वे अपनी खोई हुई ताकत को फिर से हासिल कर सकते हैं.
आज से लगभग 200 साल पहले, 1833 में जब यूरोप में दास प्रथा का अंत हो गया, तब ब्रिटेन को अपनी कॉलोनियों में काम करने के लिए भारी संख्या में मजदूरों की जरूरत पड़ी. ऐसे में गुलामी के शिकंजे में फंसे भारत से मजदूरों को खींचकर विदेश भेजने का सिलसिला शुरू हुआ.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2015 में शुरू किया गया था. इसके तहत, निवेशक सोने में निवेश कर सकते थे. इसमें निवेश करने पर उन्हें सोने के बाजार भाव के हिसाब से लाभ तो मिलता ही था, साथ ही सरकार उन्हें सालाना 2.5% ब्याज भी देती थी.
देश में ऐसे मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पारिवारिक दबाव, आर्थिक समस्याएं और मानसिक तनाव ऐसे कई कारण हैं, जो लोगों को इस हद तक पहुंचा रहे हैं. आइए, समझते हैं कि इसके पीछे की असल वजहें क्या हैं और इसे कैसे रोका जा सकता है.
यह वीडियो भावनगर के लीलिया स्टेशन के पास का है, जहां रेलवे ट्रैक पर अचानक एक शेर ने कदम रख दिया. जंगल का किंग शेर रेलवे ट्रैक को पार कर रहा था. अब इसे देखकर ट्रेन ड्राइवर के साथ-साथ स्टेशन पर खड़े लोग भी हैरान थे. लेकिन फिर जो हुआ, वह आपको बिल्कुल चौंका देगा.
Home Loan EMI: नए साल के मौके पर HDFC बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत का ऐलान किया है. बैंक ने होम लोन और कार लोन की इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट EMI में कमी कर दी है, जिससे कर्जदारों को बड़ा फायदा होने वाला है. बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट […]
बस श्रद्धालुओं को उनके चुने गए स्थान से लेकर प्रयागराज तक जाएगी. वहां पहुंचने के बाद श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान करेंगे और धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेंगे. स्नान के बाद, बस उन्हें वापस उनके स्थान पर छोड़ने के लिए लौटेगी.
भारत ने पिछले कुछ दशकों में कई आर्थिक सुधार किए हैं, जैसे डिजिटलाइजेशन, आत्मनिर्भर भारत योजना, और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना. इन सब कारणों से भारत की इकोनॉमी लगातार बढ़ रही है.
आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि क्या ये सब सिर्फ महंगाई, बेरोज़गारी, और विदेश नीति की गलतियों का नतीजा है, या फिर ये केवल 'ट्रंप फेक्टर' का असर है? इसी सवाल का जवाब ढूंढते हुए, हम जानते हैं कि कनाडा में अब क्या हो रहा है, और क्यों जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा सिर्फ एक राजनैतिक कदम नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है!