चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी के चंदे का एक बड़ा हिस्सा प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से आया है. इस ट्रस्ट ने बीजेपी को 723.6 करोड़ का दान दिया. इसके अलावा, कई और कंपनियां भी इस ट्रस्ट के माध्यम से बीजेपी को फंड देती रही हैं.
यह घटना तब की है जब मुगलों ने गुरु गोबिंद सिंह जी से बदला लेने के लिए हमला किया था. परिवार के सदस्य एक दूसरे से बिछड़ गए. बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की उम्र उस समय केवल सात और पांच साल थी.
अगर हम अन्य प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों की बात करें, तो एयरटेल ने अक्टूबर 2024 में 24 लाख नए ग्राहक जोड़े. हालांकि, एयरटेल के लिए भी यह आंकड़े उतने अच्छे नहीं रहे क्योंकि उसे सितंबर में 14.3 लाख ग्राहक खोने पड़े थे.
सरकार ने PMAY 2.0 के लिए कुल 2.30 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. पहले चरण में 1.18 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई थी, और अब तक 85.5 लाख से अधिक घर लाभार्थियों को दिए जा चुके हैं. नए चरण में चार प्रमुख कैटेगरी के तहत लाभ मिलेगा.
2017 में पनामा ने ताइवान के साथ अपने राजनयिक संबंध खत्म कर दिए और चीन से संबंध स्थापित किए. चीन ने पनामा में बड़े निवेश किए हैं, और इसके तहत पनामा के दो सबसे बड़े पोर्ट भी चीन की कंपनियों के पास हैं. यही कारण है कि अमेरिका चिंतित है.
इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंबेडकर के बारे में बयान दिया था. शाह ने कहा था, "आजकल आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर का नाम लिया जा रहा है, लेकिन अगर लोग भगवान का नाम लेते, तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता."
महंगे iPhone को खरीदने के बजाय, अगर आप स्मार्ट, बजट-फ्रेंडली और फीचर-रिच फोन चाहते हैं, तो पोको C75 एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. यह फोन आपको वह सब कुछ देगा जो एक महंगे फोन में होता है, और आपका बजट भी सही रहेगा.
माता पार्वती की तपस्या ने न केवल उनके रूप को निखारा, बल्कि उनके दिव्य तेज में भी वृद्धि की. जैसे-जैसे वे तपस्या में लीन होती गईं, उनके रूप और सौंदर्य में एक अद्भुत तेज और आकर्षण आ गया. यही तेज समुद्र देवता की दृष्टि से बच नहीं पाया.
आकांक्षा पुरी के साथ अपने रिश्ते के बारे में मीका ने कहा, "स्वयंवर में तीन लड़कियों में से एक को चुनना था. मुझे आकांक्षा अच्छी लगी, लेकिन बिग बॉस में उनका व्यवहार बदल गया. यह सब बहुत जल्दी हुआ, और अगर शादी होती तो मुझे नहीं पता क्या होता."
केंद्र सरकार के इस फैसले पर राज्यों का रुख मिला-जुला रहा है. कई राज्यों ने इस बदलाव को लागू करने का निर्णय लिया है, जैसे गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक और दिल्ली. वहीं, केरल जैसे कुछ राज्य इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह नीति छात्रों पर अतिरिक्त दबाव डालेगी, जिससे ड्रॉपआउट दर में वृद्धि हो सकती है.