प्रशांत किशोर ने कहा था कि आगामी चुनाव उनके लिए "अर्श या फर्श" हो सकते हैं, लेकिन उपचुनाव के परिणाम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका राजनीतिक करियर एक चुनौतीपूर्ण मोड़ पर है. हालांकि, उन्होंने राज्य में पदयात्रा की है, लेकिन आम आदमी से जुड़ नहीं पाएं हैं.
बीजेपी को कुंदरकी में जीत के लिए मुस्लिम वोटों का समर्थन बेहद जरूरी था, और रामवीर सिंह की रणनीति ने असर दिखाया. मुस्लिमों की एक बड़ी संख्या ने उनके पक्ष में मतदान किया, जिससे बीजेपी को इस सीट पर जीत मिली.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ताजा रुझानों के अनुसार, बीजेपी के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन 288 में से 221 सीटों पर आगे चल रहा है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) महज 56 सीटों तक सिमटती दिखाई दे रही है.
कांग्रेस के साथ ही महा विकास आघाड़ी (MVA) के अन्य घटक दलों ने भी इस स्थिति को लेकर सतर्कता बरती है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीम खान ने बताया कि पार्टी के कोर ग्रुप ने सरकार गठन और विधायकों की खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए कदम उठाने पर विचार किया है.
शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा है कि राज्य में कुछ न कुछ गड़बड़ है. उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के सभी उम्मीदवार कैसे जीत सकते हैं.
MVA के नेताओं ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि उनके चुनावी उम्मीदवारों और विधायकों को कोई नुकसान न हो. सूत्रों के अनुसार, नतीजों से पहले ही दोनों नेताओं ने मुंबई में सभी उम्मीदवारों के लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था की है, ताकि जीतने वाले विधायक सुरक्षित रह सकें और महायुति के दबाव से बच सकें.
पूर्व लोकसभा स्पीकर पीडीटी आचारी ने एक रिपोर्ट में बताया था कि संसद की एक मिनट की कार्यवाही पर करीब 2.5 लाख रुपये का खर्च आता है. इसमें सांसदों के वेतन, भत्तों, सुरक्षा और अन्य प्रशासनिक खर्चे शामिल हैं. यह रकम करदाताओं के पैसों से ही चुकाई जाती है, और इसलिए संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए इन खर्चों का ध्यान रखना जरूरी होता है.
"ग्लोब एंड मेल" की रिपोर्ट के बाद कनाडा सरकार ने स्पष्ट किया है कि उनके पास भारतीय अधिकारियों को इस हत्या से जोड़ने वाले कोई ठोस सबूत नहीं हैं. यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में कमी आई है और भारत ने कनाडा से अपने राजनयिक संबंधों में भी कटौती की है.
संबित पात्रा ने अमेरिकी जांच का हवाला देते हुए कहा, "अमेरिका में हुए एक जांच के दौरान जिन चार भारतीय राज्यों का नाम लिया गया था, उन चार राज्यों में उस समय कांग्रेस या उसके सहयोगी दलों की सरकारें थीं. ये राज्य थे - तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़."
अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है और उन्हें पूरी तरह से आधारहीन बताया है. कंपनी ने अपनी सफाई में कहा है कि वे सभी कानूनी नियमों का पालन करते हुए काम कर रहे थे और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है.