विश्लेषकों के अनुसार, बीजेपी का उद्देश्य हिंदू समाज में एकता लाकर चुनावी लाभ हासिल करना है. राज्यवार चुनावों में जातीय राजनीति का असर बढ़ता जा रहा है, और बीजेपी इसे अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रही है.
जस्टिस खन्ना को उनकी स्पष्टता और तर्कपूर्ण फैसलों के लिए जाना जाता है. उन्होंने RTI, न्यायिक पारदर्शिता, VVPAT, इलेक्टोरल बॉन्ड, अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दों पर ऐतिहासिक फैसले दिए हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में इन बयानबाजियों से चुनावी माहौल और भी गर्म हो गया है. एक तरफ जहां देवेंद्र फडणवीस ने ओवैसी पर आरोप लगाए हैं, वहीं दूसरी तरफ ओवैसी ने भाजपा और उसके नेताओं के खिलाफ तीखे शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दी है.
अब देखने वाली बात यह होगी कि चुनावी परिणामों में इन वादों में से कौन सा गठबंधन जनता पर ज्यादा प्रभाव डालता है. महाविकास अघाड़ी जहां जातीय जनगणना और सामाजिक समानता के मुद्दे को प्रमुखता दे रही है, वहीं महायुति महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए सीधे वित्तीय मदद की बात कर रही है.
योगी आदित्यनाथ का "बंटेंगे तो कटेंगे" नारा अब महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा विवाद बन चुका है. जहाx कुछ नेता इसे एकता और मजबूती की ओर इशारा मानते हैं, वहीं कई अन्य इसका विरोध कर रहे हैं.
इस चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वह कोल्हान और संथाल परगना में अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगी. इन दोनों इलाकों में आदिवासी वोटों के अलावा जनसंख्या संतुलन और स्थानीय बनाम बाहरी मुद्दे प्रमुख हैं, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं.
घटना की गंभीरता को देखते हुए सोनपुर के डीआरएम विवेक भूषण ने घटनास्थल का दौरा किया और मामले की निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया.
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने उद्धव ठाकरे, शरद पवार, और नाना पटोले को एक पत्र भेजा है, जिसमें 17 प्रमुख मांगों को शामिल किया गया है. पत्र के मुताबिक, अगर महाविकास अघाड़ी इन शर्तों को मानता है, तो बोर्ड उनका समर्थन करेगा और चुनावी प्रचार भी करेगा.
धमाका इतना जबरदस्त था कि स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह एक बम धमाका था. धमाके के समय ज़ाफर एक्सप्रेस ट्रेन भिंडी की दिशा में जा रही थी, तभी यह हादसा हुआ.
इसके अलावा, 14 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मंत्री मिथिलेश ठाकुर के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी.