इस बीच, बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा है कि उन्होंने कोलकाता के रेप-मर्डर केस में दोषियों को बचाने की कोशिश की है. बीजेपी के नेताओं ने ममता बनर्जी से आग्रह किया है कि वे इस मामले की पूरी जिम्मेदारी लें और अपने पद से इस्तीफा दें.
मुफ्ती मोहम्मद शफी कासमी (कल्याण समिति के सदस्य) ने बताया कि मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने की अनुमति के लिए नगर आयुक्त से अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा, “हमने यह निर्णय शांति और भाईचारे को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया है. हमें उम्मीद है कि इससे क्षेत्र में तनाव कम होगा और समुदाय के बीच सहयोग बढ़ेगा.”
उनके निधन पर कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके साथ बिताए गए दिनों को याद किया. येचुरी की वैचारिक स्थिरता और उनके समर्पण ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया था.
उस समय येचुरी जेएनयू में पढ़ रहे थे.उन्होंने आपातकाल का विरोध करने के लिए संयुक्त छात्र महासंघ बनाया था. संगठन के बैनर तले येचुरी ने आपातकाल के खिलाफ इंदिरा के घर तक विरोध मार्च भी निकाला था.जब इंदिरा ने विरोध का कारण पूछा तो येचुरी ने ज्ञापन पढ़ना शुरू कर दिया.
इस पूरे मामले को लेकर यूपी पुलिस अपने रुख पर कायम है. पुलिस का कहना है कि सभी गिरफ्तारियां और एनकाउंटर कानून के अनुसार और साक्ष्यों के आधार पर किए गए हैं.
1952 में चेन्नई में जन्मे सीताराम येचुरी का जुड़ाव वामपंथी विचारधारा से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हुआ. आपातकाल के समय जेल भी गए और तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए.
हरियाणा की राजनीति का यह चुनावी अखाड़ा अब एक पारिवारिक संघर्ष की कहानी बन चुका है, जहां पुराने नाम और नए चेहरों के बीच की जंग हर किसी की निगाहें खींच रही हैं.
भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग तेजी से बढ़ रही है. हाल की रिपोर्टों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 1.02 लाख यूनिट्स तक पहुंच सकती है.
70 वर्ष और उससे ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत योजना के तहत एक विशेष कार्ड दिया जाएगा. यह कार्ड उन्हें चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा और स्वास्थ्य बीमा के दावे में सुविधा प्रदान करेगा.
हरियाणा की जुलाना विधानसभा सीट, जिसे "जाटलैंड" के रूप में जाना जाता है, जातीय समीकरणों के चलते चुनावी राजनीति का केंद्र बन चुकी है. इस क्षेत्र में जाट समुदाय की आबादी लगभग 50% है, जो किसी भी चुनावी परिणाम को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाती है.