त्रासदी की खबर मिलते ही उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार हरकत में आ गई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रखी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीड़ितों को हर संभव मदद का भरोसा दिया. सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं. लेकिन रास्ता इतना आसान नहीं था.
पुलिस लगातार इनकी तलाश में थी. गुरुवार तड़के एसटीएफ और सीतापुर पुलिस को इन दोनों के पिसावा इलाके में छिपे होने की खबर मिली. पुलिस ने तुरंत घेराबंदी की. खुद को घिरा देखकर बदमाशों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं.
बादल से गिरने वाला पानी बारिश की तरह नहीं होता, बल्कि एक तेज़ धार की तरह होता है. इसकी गति 50 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है. जब यह तेज़ रफ़्तार पानी पहाड़ की ढलानों से नीचे उतरता है तो इसकी गति और भी बढ़ जाती है, जिससे यह रास्ते में आने वाली हर चीज़ को अपने साथ बहा ले जाता है.
तेज प्रताप भी छोटे दलों के साथ मिलकर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. जिस तरह कुशवाहा ने मुख्यमंत्री बनने का दावा किया था, उसी तरह तेज प्रताप भी अपनी अलग राह पर चल पड़े हैं. क्या उनकी कहानी भी कुशवाहा जैसी होगी, या वह कुछ नया कर दिखाएंगे?
यह बुलेट ट्रेन अहमदाबाद के साबरमती स्टेशन से शुरू होकर मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स तक जाएगी. रास्ते में यह कुल 12 स्टेशनों पर रुकेगी, जिनमें गुजरात में 8 और महाराष्ट्र में 4 स्टेशन होंगे.
इस बैठक में कुछ अच्छी और बुरी, दोनों तरह की ख़बरें सामने आईं. अच्छी ख़बर ये है कि RBI ने वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई के अनुमान को 3.7% से घटाकर 3.1% कर दिया है. यह एक बड़ी राहत है, क्योंकि इसका मतलब है कि चीज़ों के दाम बहुत ज़्यादा नहीं बढ़ेंगे.
इस MoU का एक खास हिस्सा है छोटे उद्यमियों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना. IRMRI का इनक्यूबेशन सेंटर 'ARISE' स्टार्टअप्स और MSMEs को मौका देगा कि वे रबर प्रोडक्ट्स के लिए नए आइडियाज़ लाएं. तटरक्षक बल अपनी ज़रूरतें IRMRI को बताएगा, और IRMRI भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर स्वदेशी समाधान निकालेगा.
बादल फटने की वजह से खीर गंगा नदी उफान पर आ गया. तेज रफ्तार से पानी और मलबा पहाड़ों से नीचे की ओर बहा, जिसमें बड़े-बड़े पत्थर और मिट्टी का सैलाब गांव में घुस गया. धराली का बाजार, जो कभी पर्यटकों की चहल-पहल से गुलजार रहता था, देखते ही देखते मलबे के ढेर में तब्दील हो गया.
जब यह विवाद बढ़ा, तो प्रेमानंद महाराज ने इसका जवाब भी अपनी अगली कथा में दे दिया. उन्होंने आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा, "जो लोग गंदे आचरण करते हैं, उन्हें सही बात बुरी लगती है. जैसे नाली का कीड़ा नाली में ही खुश रहता है. अगर उसे अमृत कुंड में डाल दो, तो वह बेचैन हो जाएगा. "
चिराग पासवान और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच हुई तारीफों के आदान-प्रदान ने भी अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है. दोनों ही नीतीश सरकार के आलोचक हैं. हालांकि, चिराग ने साफ कर दिया है कि उनकी पहली प्राथमिकता NDA है, लेकिन इन मुलाकातों से भविष्य में किसी नए गठबंधन की संभावना को नकारा नहीं जा सकता.