अब मान लीजिए, किसी ने जिद की और इस चातुर्मास में ही शादी या गृह प्रवेश करवा लिया, तो क्या होगा? मान्यताओं के अनुसार, इन कार्यों का जो शुभ फल मिलना चाहिए, वह पूरा नहीं मिलता. जैसे, किसी व्यंजन में नमक कम हो, तो स्वाद नहीं आता.
बात करें आम ज़ूनोटिक बीमारियों की, तो रेबीज का खतरा अभी भी बरकरार है. बागपत जिले में ही हर दिन 250 से ज़्यादा लोग सरकारी अस्पतालों में एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवा रहे हैं. अगर निजी अस्पतालों के आंकड़े भी मिला दें, तो यह संख्या 400 के पार पहुंच जाती है.
कुछ लोगों को डर है कि मस्क की यह नई पार्टी चुनावों में वोटों को बांट सकती है, जिससे परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं. कुछ विश्लेषकों को 1992 के राष्ट्रपति चुनाव की याद आ रही है, जब रॉस पेरोट नाम के एक स्वतंत्र उम्मीदवार ने वोटों को बांटा था. ट्रंप से मस्क की दुश्मनी इस हद तक बढ़ गई है कि ट्रंप ने मस्क को देश से निकालने और उनकी कंपनियों को सरकारी फंड बंद करने की धमकी भी दी है.
भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अखिलेश यादव को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल न होने के लिए घेरते रहे हैं, उन पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन अब, सपा इटावा में इस शिव मंदिर के निर्माण का इस्तेमाल इन आरोपों का मुकाबला करने के लिए कर रही है.
सबसे दर्दनाक तस्वीर तब सामने आई जब 2020 में कोविड-19 का लॉकडाउन लगा. अचानक, काम बंद हो गए और लगभग 32 लाख प्रवासी मज़दूर अपने घरों की ओर लौटने लगे. ट्रेनों, बसों और पैदल चलते हुए उन युवाओं को देखकर यह दर्दनाक सच्चाई सामने आ गई कि बिहार की आधी से ज़्यादा जवानी तो अपने घर से दूर परदेस में मजदूरी कर रही है.
कुछ साल पहले पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में एक बहुत बड़ा घोटाला हुआ था. हजारों करोड़ रुपये का यह घोटाला देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक था, और इसके मुख्य आरोपी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी थे. इसी मामले में नीरव मोदी का भाई नेहल मोदी भी वांछित था.
पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों ने संबंधों को सामान्य करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इनमें पांच साल बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली शामिल है. व्यापार और लोगों के बीच संपर्क को सामान्य करने की दिशा में भी लगातार प्रयास हो रहे हैं.
माइक्रोसॉफ्ट ने आधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें पाकिस्तान की अस्थिर अर्थव्यवस्था, लगातार बदलती राजनीतिक स्थिति और कमजोर व्यापारिक माहौल शामिल हैं.
बात सीधी और साफ है. अगर आपके पास इन 11 में से कोई भी एक दस्तावेज़ नहीं है, तो आपका वोट डालना मुश्किल हो सकता है. बिहार के गांव-गांव में लोग इन कागज़ात को बनवाने के लिए परेशान घूम रहे हैं.
यह 'जय गुजरात' का नारा ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर पहले से ही सियासी उबाल है. हाल के दिनों में हिंदी भाषा को थोपने के मुद्दे पर महायुति और महाविकास अघाड़ी (MVA) के बीच जोरदार बहस चल रही है. विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि बीजेपी और शिंदे सरकार मराठी भाषा को महत्व नहीं दे रही है.