यह बात केवल ऑफिस की गंदगी तक सीमित नहीं रही. इसने मस्क और ट्रंप के बीच तनाव को और बढ़ा दिया. मस्क को ट्रंप ने DOGE का नेतृत्व इसलिए सौंपा था, क्योंकि वे दोनों सरकारी खर्चों को कम करने और नौकरशाही को खत्म करने के मिशन पर एकमत थे. मस्क ने DOGE के जरिए कई कट्टरपंथी कदम उठाए, जैसे कि सरकारी कर्मचारियों की छंटनी और कई एजेंसियों के बजट में भारी कटौती.
अमेरिका में पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा, "भारत को कोई समझाने-बुझाने की जरूरत नहीं थी. हमने पहले ही साफ कर दिया था कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद बंद करता है, तो हम भी जवाबी कार्रवाई रोकने को तैयार हैं. अगर अमेरिका ने पाकिस्तान को यह बात समझाई, तो यह उनका अच्छा प्रयास था, लेकिन भारत ने किसी के कहने पर कोई कदम नहीं उठाया."
हिलेरी क्लिंटन का ‘सांप’ वाला तंज थरूर ने अपनी बात को और मजबूत करने के लिए 2011 में अमेरिका की तत्कालीन विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के मशहूर बयान को याद दिलाया. हिलेरी ने तब पाकिस्तान में खड़े होकर कहा था, “आप अपने आंगन में सांप नहीं पाल सकते और ये उम्मीद नहीं कर सकते कि वो सिर्फ पड़ोसियों को काटेगा.”
शाम करीब 5:30 बजे अचानक बारिश शुरू हो गई, जिसने हालात को और बदतर कर दिया. सड़कें गीली हो गईं, लोग फिसलने लगे, और भीड़ को काबू करना पुलिस के लिए और मुश्किल हो गया. अपने दोस्तों के साथ स्टेडियम आई 25 साल की सिंचना ने बताया, “जैसे ही गेट थोड़ा सा खुला, लोग बेकाबू हो गए. मैं अनिल कुंबले सर्कल के पास थी, इसलिए सबसे खराब स्थिति से बच गई, लेकिन वहां का मंजर डरावना था.”
शोले ने बॉलीवुड में इतिहास रच दिया. इसके डायलॉग्स, गाने और किरदार आज भी जिंदा हैं. लेकिन मेरा गांव मेरा देश धीरे-धीरे लोगों की यादों से फीकी पड़ गई. फिर भी, इस फिल्म का जादू कम नहीं था. इसके गाने जैसे ‘आया आया अतरिया पे कोई चोर…’ और ‘सजन रे झूठ मत बोलो…’ आज भी गुनगुनाए जाते हैं.
भारत लंबे समय से कनाडा से कह रहा है कि वो अपने यहां सक्रिय खालिस्तानी समूहों पर लगाम लगाए. ये समूह कनाडा की धरती से भारत विरोधी गतिविधियां चलाते हैं, जिनमें हिंसक प्रदर्शन और अलगाववादी प्रचार शामिल हैं. निज्जर की हत्या के बाद ट्रूडो के बयानों ने भारत को और नाराज किया, क्योंकि भारत का कहना है कि कनाडा ने बिना सबूत के गंभीर आरोप लगाए.
इस नीति का असर साफ दिख रहा है. हरियाणा के उप आबकारी आयुक्त अमित भाटिया का कहना है, “इस बार की नीलामी में कारोबारियों का उत्साह देखने लायक है. ये दिखाता है कि नई नीति को व्यापारियों का भरोसा मिल रहा है.”
धीरेंद्र शास्त्री बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने न सिर्फ बकरीद पर पशु बलि का विरोध किया, बल्कि सभी धर्मों और समुदायों से अपील की कि वे हिंसा को छोड़कर अहिंसा का रास्ता अपनाएं. शास्त्री का मानना है कि समय बदल चुका है. अब हमें पुरानी परंपराओं को नए नजरिए से देखने की जरूरत है.
50 साल बाद भी कई सवाल अनुत्तरित हैं. आखिर मिश्रा को किसने मारा? क्या आनंद मार्ग सिर्फ एक बलि का बकरा था? सीबीआई की जांच में क्या कमियां थीं? क्या कोई बड़ी साजिश थी, जिसे दबा दिया गया? वैभव मिश्रा और अश्विनी चौबे जैसे लोग चाहते हैं कि एक नई जांच इन सवालों के जवाब दे.
यूक्रेन का दावा है कि इस हमले में रूस के 41 विमान, जिनमें Tu-95, Tu-22 जैसे न्यूक्लियर बमवर्षक और A-50 जैसे खतरनाक विमान शामिल थे, पूरी तरह तबाह हो गए. ये वही विमान थे, जो यूक्रेन पर बमबारी कर रहे थे.