राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

UP News

दाढ़ी कटवाओ, तिलक मिटाओ और…उत्तर प्रदेश के कॉलेज में अजीब फरमान जारी, छात्रों ने काटा बवाल

कॉलेज प्रबंधन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि सिर्फ दाढ़ी हटाने का नियम है, ताकि छात्र साफ-सुथरे दिखें. कुछ छात्रों ने इस नियम का पालन नहीं किया, तो उन्हें दो दिन पहले नोटिस दिया गया था.

Hafiz Saeed

न जनाजे में दिखा, न ही भारत के खिलाफ जहर उगला…क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मारा गया हाफिज सईद?

हमले के बाद पाकिस्तान में एक जनाजे की तस्वीरों ने हंगामा मचा दिया. तीन बातें सबका ध्यान खींच रही हैं. पहली, एक ताबूत पर 'COAS' (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) लिखा फूल देखा गया. यानी पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने इसे भेजा. इतना बड़ा आतंकी मरा कि जनरल साहब की आंखें नम हो गईं?

Helicopter Crash in Uttarakhand

उत्तराखंड में हेलिकॉप्टर क्रैश, काल के गाल में समाए 5 श्रद्धालु

पांच लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं. हादसे की वजह अभी साफ नहीं है, लेकिन शुरुआती जांच में तकनीकी खराबी या पायलट की गलती की आशंका जताई जा रही है.

Operation Sindoor

भारत ने पाकिस्तान को याद दिलाया ‘छठी का दूध’, जानिए विदेशी मीडिया ने कैसे की है कवरेज

पहलगाम हमले के 15 दिन बाद, 6-7 मई 2025 की रात भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया. भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना के जॉइंट ऑपरेशन में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (बहावलपुर) और PoK (कोटली, मुजफ्फराबाद) में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया.

0peration Sindoor

राहुल हो या लालू…’ऑपरेशन सिंदूर’ पर सबने खोल दिया दिल, 2019 में विपक्ष ने कर दी थी बड़ी गलती!

2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के वक्त विपक्ष ने सबूत मांगकर और PM मोदी पर तंज कसकर खूब विवाद खड़ा किया था. राहुल ने कहा था, "मोदी 5 मिनट राइफल उठाकर दिखाएं," तो लालू ने PM के "बादल रडार" वाले बयान पर चुटकी ली थी, "ऐ हट बुड़पक, रडार इधर है!"

operation sindoor

तब इंदिरा गांधी, अब PM मोदी…1971 भारत-पाक जंग से भी बड़ा क्यों है ‘ऑपरेशन सिंदूर’?

2016 की उरी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक अब तक भारत के सबसे बड़े जवाब माने जाते थे. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर इन दोनों से कहीं ज्यादा गहराई तक गया है. इस बार भारतीय सेना ने पाकिस्तान के उन हिस्सों को निशाना बनाया जो अब तक नो-गो ज़ोन माने जाते थे.

Supreme Court

“खुद ट्रेन में चढ़ गए अब दूसरों को डिब्बे में नहीं घुसने देंगे…”, आरक्षण पर Supreme Court की बड़ी टिप्पणी

याचिका दायर करने वाले पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण ने कोर्ट में दलील दी. उनका कहना था कि बंठिया आयोग ने महाराष्ट्र में ओबीसी को स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण दे दिया, लेकिन इसके लिए जरूरी शर्तें पूरी नहीं की गईं.

India Pakistan War

बात 1965 की हो या 1971 की…पाकिस्तान की ’72 घंटे’ वाली फितरत, शुरू में दिखता है जोश, फिर पकड़ने लगता है पैर!

हाल ही में पाकिस्तान के मंत्री ख्वाजा आसिफ ने धमकी दी थी कि अगर भारत ने पानी रोका, तो वो मिसाइलें चलाएंगे और टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करेंगे. लेकिन अब भारत ने बगलिहार डैम से पानी रोक दिया है, और जल्द ही किशनगंगा का पानी भी रोका जाएगा.

Mock Drill

दुनिया में पहली ‘मॉक ड्रिल’ से लेकर भारत की ताजा तैयारियों तक…जानें क्यों है यह सुरक्षा की रीढ़

भारत में मॉक ड्रिल सबसे पहले 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देखा गया. उस समय दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई जैसे रणनीतिक शहरों में सिविल डिफेंस ड्रिल आयोजित की गई थीं. इन ड्रिल्स में हवाई हमले के सायरन, ब्लैकआउट और सुरक्षित निकासी का अभ्यास शामिल था.

UP Politics

यूपी की सियासत में BJP का नया दांव, अखिलेश के ‘PDA’ को ही बनाएगी हथियार! समझिए पूरा ‘खेला’

BJP के SC मोर्चा प्रमुख राम चंद्र कन्नौजिया का कहना है कि दलित समुदाय को अक्सर गलतफहमी में रखा जाता है, जिससे वे दूसरों के बहकावे में आ जाते हैं. उनका मानना है कि दलितों और उच्च जातियों को एक साथ लाने से न सिर्फ दलितों का हौसला बढ़ेगा, बल्कि हिंदू समाज में एकता का संदेश भी जाएगा.

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