तेज प्रताप को लाइमलाइट से प्यार है, और वो इसके लिए कुछ भी कर सकते हैं. कभी वो कृष्ण भक्ति में डूबकर ‘वृंदावन बिहारी’ बन जाते हैं, तो कभी साइकिल चलाकर सुर्खियां बटोरते हैं. लेकिन सियासत सिर्फ सुर्खियों से नहीं चलती.
जांच में 1999 के कुख्यात IC-814 हाईजैक मामले के मास्टरमाइंड मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लतरम का नाम भी सामने आया. उसके श्रीनगर स्थित घर की तलाशी ली गई, जो पहले ही गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत जब्त हो चुका है.
कोर्ट ने बिल्कुल साफ और दो टूक बात कही. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ ये कहना कि पति 40 साल का है और सक्षम दिखता है, ये मुआवजा न देने का बहाना नहीं बन सकता. अगर पति की अपनी कमाई का कोई सबूत नहीं है, तो माना जाएगा कि वो पत्नी की कमाई पर निर्भर था. कोर्ट ने कहा कि आज के जमाने में परिवार अलग-अलग तरह से चलते हैं.
बिजली गुल होने के बाद कुछ ग्रामीणों ने अपने घरों में इनवर्टर चालू किए, लेकिन यह बात दूसरे पक्ष को नागवार गुजरी. इसके बाद गांव में हंगामा मच गया और मामला तूल पकड़ने लगा. गुस्साए ग्रामीणों ने सीधे ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर से शिकायत कर दी.
15 OGWs की पहचान हुई, जिनमें से 5 मुख्य संदिग्धों में 3 हिरासत में हैं. वहीं, 2500 संदिग्धों की जांच चल रही है, जिनमें 186 अभी हिरासत में हैं. NIA का कहना है कि ये नेटवर्क जटिल है, लेकिन वो इसे धीरे-धीरे तोड़ रहे हैं.
लोग इसे 'अश्लीलता की हद' और 'संस्कृति पर हमला' बता रहे हैं. एक्स पर यूजर्स ने जमकर भड़ास निकाली और सूचना-प्रसारण मंत्रालय से लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव तक को टैग कर शो पर बैन की मांग की.
India Pakistan Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव फिर से चरम पर है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार सख्त रुख अपनाए हुए है. खबरें हैं कि मोदी सरकार पाकिस्तान पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रही है. लेकिन इस बार सवाल ये है कि क्या भारत सिर्फ पाकिस्तानी सेना […]
राहुल गांधी ने इस मुद्दे को जिस तरह उठाया, उसने उन्हें पिछड़े वर्ग और दलित समुदायों के बीच नया चेहरा बना दिया. उन्होंने इसे सामाजिक 'एक्स-रे' बताया है, जो देश की सच्चाई सामने लाएगा. लेकिन बीजेपी का कहना है कि राहुल की मांग सिर्फ सियासी ड्रामा था, और असली काम मोदी सरकार ने किया.
मजदूरों ने अपनी आवाज बुलंद की. सभी ने एक स्वर में कहा, "हमें 8 घंटे काम, 8 घंटे आराम, और 8 घंटे अपने लिए चाहिए." ये मांग इतनी साधारण थी, लेकिन इसे हासिल करना आसान नहीं था.
NIA की टीम ने जांच को और गति देने के लिए हाईटेक उपकरणों का इस्तेमाल शुरू किया है. बैसरन घाटी में हुए हमले के बाद से ही एनआईए ने कई चश्मदीदों के बयान दर्ज किए हैं, जिनके आधार पर आतंकियों की गतिविधियों का एक प्रारंभिक खाका तैयार किया गया है.