राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

Kashmir Terrorism

इस्लामी सपने और शैतानी तिकड़ी…जन्नत सा नजर आने वाला कश्मीर कैसे बना साजिशों का अड्डा?

कश्मीर में उग्रवाद और आतंक की शुरुआत कोई अचानक नहीं हुई. इसके पीछे सालों पुरानी साजिशें, राजनैतिक चालें और धार्मिक कट्टरता का जहर छिपा है. 1947 में भारत के बंटवारे के बाद से ही पाकिस्तान की नजर कश्मीर पर थी. सबसे पहले उसने 'ऑपरेशन गुलमर्ग' के तहत कबायली लड़ाकों को भेजा, जो कश्मीर पर हमला कर सके.

Ashok Khemka Retirement

33 साल की नौकरी, 57 बार तबादला…रिटायर हो गए IAS अशोक खेमका

दिसंबर 2024 में उन्हें फिर से परिवहन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया. यही विभाग लगभग 10 साल पहले भी उनके पास था, जब मनोहर लाल खट्टर सरकार ने उन्हें वहां से हटा दिया था.

Pahalgam Attack

17 साल भारत में रहा, अब पाकिस्तान वापसी…कैसे बना ओसामा का राशन कार्ड और वोटर ID?

अब सवाल ये कि पाकिस्तानी नागरिकों के पास ये दस्तावेज आए कहां से? राशन कार्ड और वोटर ID के लिए आधार कार्ड, स्थानीय पता और पहचान पत्र चाहिए. कई बार जो लोग लंबे वक्त से भारत में रहते हैं, वो स्थानीय ऑफिसों से ये दस्तावेज बनवा लेते हैं. लेकिन सिस्टम में ढील और चेकिंग में लापरवाही की वजह से ऐसा हो पाता है.

PM MODI

अब पाकिस्तान की खैर नहीं, पीएम मोदी ने चार हाई-लेवल बैठकों में किए कई बड़े फैसले!

24 अप्रैल को पीएम मोदी ने कहा था, "आतंकियों की बची-खुची जमीन को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है." उनकी इस बात से साफ है कि भारत अब नरमी नहीं बरतेगा. पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक हमला भी किया था. अब बुधवार की इन बैठकों में कोई बड़ा ऐलान होने की संभावना है.

Pahalgam Attack

फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान, पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा निकला स्पेशल फोर्स का कमांडो

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इस हमले की पूरी साजिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने रची थी. ISI के बड़े अधिकारियों और पाकिस्तानी सेना के कुछ आला अफसरों के नाम भी इस साजिश से जुड़े हैं.

Pakistan Terrorism

आतंक का अड्डा, घाटी में दशकों से दहशत का खेल…ऐसे आतंकियों का गढ़ बना पाकिस्तान!

पाकिस्तान में असल सत्ता चुनी हुई सरकार के पास नहीं, बल्कि वहां की फौज और ISI के पास है. ये दोनों मिलकर आतंकी संगठनों को पैसा, हथियार और पनाह देते हैं. PoK में आतंकी कैंप चलाने से लेकर आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने तक, सब ISI की देखरेख में होता है.

Supreme Court

“जासूसी सॉफ्टवेयर से आतंकियों पर नजर रखना गलत कैसे?”, पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल

Supreme Court On Pegasus Spyware: क्या जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल आतंकियों को पकड़ने के लिए गलत हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई के दौरान यह सवाल पूछा. कोर्ट ने साफ कहा कि देश की सुरक्षा सबसे पहले है, और इसके लिए जरूरी कदम उठाना कोई अपराध नहीं. लेकिन […]

Pahalgam Attack

पहलगाम हमले ने तोड़ी जम्मू-कश्मीर की उम्मीदें, क्या अब और लंबा होगा राज्य का इंतजार?

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने सब कुछ बदल दिया. इस हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय की जान चली गई. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का दिल टूट गया. उन्होंने कहा, "मैंने पर्यटकों को बुलाया था, लेकिन उनकी सुरक्षा नहीं कर पाया. क्या अब मैं राज्य का दर्जा मांगूं?"

Pahalgam Attack

मुंह में राम, बगल में छुरी! पहलगाम हमले पर कांग्रेस की ये कैसी दोमुंही राजनीति?

कांग्रेस की बातों में दो चेहरे दिख रहे हैं. राहुल और खड़गे ने बैठक में कहा कि वो आतंकवाद के खिलाफ सरकार का साथ देंगे. कांग्रेस की बड़ी मीटिंग में भी यही बात हुई कि देश को एकजुट रखना है. इससे वो दिखाना चाहते हैं कि वो देश के साथ हैं. लेकिन कुछ कांग्रेस नेताओं ने उल्टा रास्ता पकड़ा.

Canada Election 2025

कनाडा चुनाव में उलटफेर, खालिस्तानी नेता जगमीत सिंह और ट्रूडो की करारी हार, जानें कैसे पल में पलट गया ‘गेम’

कनाडा के प्रधानमंत्री रह चुके जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी भी इस बार हार गई. ट्रूडो का शासन कई सालों तक रहा, लेकिन इस बार जनता का मूड कुछ और था. इसके पीछे एक बड़ा कारण था अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियां.

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