प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि वे ट्रंप सरकार के तानाशाही जैसे रवैये का विरोध कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि अमेरिका का लोकतंत्र सुरक्षित रहे. आंदोलन की प्रवक्ता हीदर डन ने बताया कि यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण है और किसी तरह की हिंसा का इरादा नहीं है.
पाकिस्तान के हसन रजा ने 1996 में जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया. उस समय उनकी उम्र 14 साल और 237 दिन थी. वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र के डेब्यूटेंट हैं. हालांकि, बाद में उनकी जन्म तारीख पर सवाल उठे, लेकिन रिकॉर्ड अभी भी उनके नाम है.
पुलिस सूत्रों की मानें तो सोनू और सर्वजीत के बीच काफी समय से तनातनी चल रही थी. यूनिट के बाकी जवानों को भी उनके झगड़े की खबर थी. दोनों की पोस्टिंग कुछ दिन पहले ही सिकटा थाने से बेतिया पुलिस लाइन में हुई थी. एक ही बैरक में रहने और एक ही यूनिट में ड्यूटी करने की वजह से दोनों के बीच टकराव बढ़ता गया.
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार इस कदर फैल चुका है कि हर टेंडर में 30% घूस ली जा रही है. ये पैसा ठेकेदारों से लेकर मंत्रियों तक पहुंचता है. तेजस्वी ने आंकड़े गिनाते हुए बताया कि इस साल 7 कैबिनेट मीटिंग में 76,622 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई, ज्यादातर निर्माण कार्यों के लिए.
मराठी अस्मिता महाराष्ट्र की राजनीति का हमेशा से केंद्र बिंदु रही है. 1950 के दशक में 'संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन' की लड़ाई से लेकर 1960 में महाराष्ट्र राज्य के गठन तक, भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए कई ऐतिहासिक संघर्ष हुए हैं. 1966 में बाल ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना ही मराठी युवाओं को रोजगार और सम्मान दिलाने के मकसद से की थी.
ब्लूस्मार्ट के इन दोनों भाइयों ने अपनी दूसरी कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग के नाम पर लिया गया लोन कथित तौर पर गलत जगह खर्च किया. फ्लैट, गोल्फ किट्स, लग्जरी ट्रैवेल जैसी चीजों पर उड़ाए गए 262 करोड़ रुपये से ज्यादा का कोई हिसाब नहीं मिला.
पन्नू जैसे खालिस्तानी समर्थक अमेरिका से भारत-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं. ट्रंप की नीति से अमेरिका में ऐसे संगठनों की फंडिंग, गतिविधियों और सुरक्षित ठिकानों पर नकेल पड़ सकती है. हैप्पी पासिया की गिरफ्तारी से खालिस्तानी नेटवर्क में डर का माहौल बन सकता है, क्योंकि अमेरिका अब ऐसे तत्वों को शरण देने से हिचक सकता है.
विक्की कौशल की फिल्म छावा फरवरी 2025 में रिलीज हुई. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल तो मचाया ही, साथ में एक बड़ा विवाद भी खड़ा कर दिया. फिल्म में दिखाया गया है कि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को कैसे साजिश के तहत प्रताड़ित किया और उनकी हत्या करवाई. इस कहानी ने कई हिंदू संगठनों का खून खौला दिया.
अगर कांग्रेस अपने इस अभियान में कामयाब रही, तो नीतीश कुमार की 20 साल पुरानी बादशाहत को बड़ा झटका लग सकता है. बिहार की आधी आबादी यानी महिलाएं अगर कांग्रेस की ओर मुड़ीं, तो ये 2025 के विधानसभा चुनाव में गेम-चेंजर साबित हो सकता है.
JNU का छात्रसंघ चुनाव हमेशा से चर्चा में रहा है. यहां फीस वृद्धि, छात्रवृत्ति, हॉस्टल सुविधाओं जैसे मुद्दों के साथ-साथ राष्ट्रीय और वैश्विक मसले भी जोर-शोर से उठते हैं. SFI और AISA जैसे वामपंथी संगठनों का दबदबा रहा है, लेकिन ABVP हर बार कड़ी टक्कर देता है.