हमले का तरीका देखकर लगता है कि बदमाशों ने पूरी प्लानिंग के साथ वारदात को अंजाम दिया. पहले आग लगाकर कार को तबाह करने की कोशिश, फिर गोलियों की बौछार—ये सब एक सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है.
लाइट्स के बंद होने से खेल कुछ देर के लिए रुक गया. न्यूजीलैंड में सब शांत रहे. वहां के स्टाफ ने चुपचाप इंतजाम किया. कमेंटेटर्स ने भी कोई हंगामा नहीं मचाया. थोड़ी देर बाद लाइट्स वापस आई और खेल शुरू हो गया.
हरियाणा सरकार ने कुंवारे लोगों के लिए पेंशन की स्कीम शुरू की थी. राजू ने सोचा, "चलो, कुछ मदद मिलेगी." लेकिन, उसे बताया गया कि वो तो शादीशुदा है, पेंशन नहीं मिल सकती. ऊपर से उसका बीपीएल राशन भी कोई और ले जा रहा है.
कांग्रेस के लिए भी यह महीना बेहद अहम है. पार्टी का 86वां पूर्ण अधिवेशन 8 और 9 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद में होने जा रहा है. पिछले कुछ सालों में कांग्रेस को सत्ता में कोई खास सफलता नहीं मिली है, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीतियों पर फिर से काम करना शुरू किया है.
1984 में बीजेपी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा. अटल जी जैसे करिश्माई नेता थे, लेकिन उस वक्त देश इंदिरा गांधी की हत्या के गम में डूबा था. सहानुभूति की लहर में कांग्रेस ने 414 सीटें जीत लीं. बीजेपी का स्कोर? सिर्फ 2 सीटें. लोग हंसने लगे,"यह पार्टी तो खत्म हो गई."
पीएम मोदी ने यह भी ऐलान किया कि गुजरात के अरावली में 1960 में मिले भगवान बुद्ध के अवशेष श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजे जाएंगे. साथ ही, त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर को ठीक करने में भारत मदद करेगा.
शरद सिंह का जन्म लड़की के रूप में हुआ था, लेकिन बचपन से ही शरद के अंदर एक पुरुष था. फिर शरद ने लड़का लेने का फैसला लिया और सर्जरी कराई. अब शरद की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया है. घर में खुशी का माहौल है.
वक्फ बोर्ड की नजर सिर्फ स्मारकों पर ही नहीं, बल्कि आदिवासी इलाकों की जमीन पर भी थी. मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में वक्फ ने वहां की जमीनों को अपनी संपत्ति बताना शुरू कर दिया था. जबलपुर और छिंदवाड़ा जैसे इलाकों में तो स्थानीय आदिवासी भड़क उठे और आंदोलन तक शुरू हो गए.
शहर के प्रमुख स्थानों पर लगे इन बैनरों में कब्र तक की दूरी साफ-साफ बताई गई है. मिसाल के तौर पर, क्रांतिचौक से 27 किमी, जिला न्यायालय से 26 किमी, बाबा पेट्रोल पंप से 25 किमी, होली क्रॉस स्कूल से 24 किमी, और शरनापुर से 14 किमी. मनसे का मकसद है कि लोग यह जानें कि मराठा इतिहास का एक क्रूर शासक यहीं दफन है.
सुवेंदु ने ममता पर तंज कसते हुए कहा, “पिछले साल 2023 में आपके ‘शांति के लड़ाकों’ ने राम नवमी के जुलूसों पर हमले किए थे. अब हिंदू समाज ने ठान लिया है कि इस बार सड़कों पर उतरकर जय श्री राम के नारे लगाएंगे. हर गाड़ी पर भगवा झंडा लहराएगा.”