टीडीपी के इन संशोधनों को स्वीकार किए जाने के बाद पार्टी ने विधेयक के समर्थन में मतदान करने का फैसला किया है. पार्टी का मानना है कि ये बदलाव वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता को बेहतर बनाएंगे. उधर, जेडीयू के सुझावों को भी विधेयक में जगह मिलने से संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी भी इस बिल के पक्ष में खड़ी हो सकती है.
कहानी में ट्विस्ट तब आया जब अनीता ने अपने बेटे दिनेश को फोन किया. मेरी तबीयत खराब है, डॉक्टर लेकर आओ. इसके बाद जब दिनेश घर पहुंचा, तो वहां डॉक्टर की नहीं, पुलिस की जरूरत थी. पिता खून से लथपथ फर्श पर पड़े थे और मां घायल हालत में.
अब सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को पीड़ित पांचों घर मालिकों को 6 हफ्ते के अंदर 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. यह राशि पीड़ितों को उनके नुकसान और परेशानी की भरपाई के लिए दी जाएगी.
आग इतनी जोरदार थी कि फैक्ट्री की छत टूटकर गिर पड़ी, जिससे बचाव में दिक्कत हुई और वहां हंगामा मच गया. फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई. घायलों को पास के अस्पताल में भेजा गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.
सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. फायरकर्मी पूरी ताकत के साथ आग बुझाने में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि कुछ लोग बिल्डिंग के अंदर फंस गए थे. फायर फाइटर्स उन्हें सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने इस बिल पर सस्पेंस बढ़ा दिया है. केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा, "नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए ढेर सारा काम किया है. हमें विपक्ष के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं. संसद में हमारा रुख साफ होगा."
28 मार्च को हुई सुनवाई में कोर्ट ने बजिंदर सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 बलात्कार के तहत दोषी ठहराया. इसके बाद सजा के ऐलान के लिए 1 अप्रैल की तारीख तय की गई थी. मंगलवार को कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए उम्रकैद की सजा उचित है.
23 साल की उम्र में रवींद्र रॉ में शामिल हो गए. दो साल तक उन्हें ट्रेनिंग दी गई. जासूसी के सारे फंडे, उर्दू की क्लास, और यहां तक कि खतना भी करवा दिया ताकि वो "पक्का मुसलमान" लगने लगे. फिर नवंबर 1975 की एक काली रात को उन्हें पाकिस्तान में ड्रॉप कर दिया गया. नाम रखा गया "नबी अहमद शाकिर"
राज ठाकरे ने सवाल किया कि क्या आपको विक्की कौशल की वजह से संभाजी महाराज के बलिदान और अक्षय खन्ना की वजह से औरंगजेब के बारे में पता चला? ठाकरे ने लोगों से उकसावे में नहीं आने और विचलित नहीं होने की अपील की. उन्होंने कहा कि शिवाजी से पहले और उनके बाद के समय में सामाजिक-राजनीतिक स्थितियां बहुत अलग थीं. लेकिन आज औरंगजेब के चक्कर में हम मौजूदा समय के वास्तविक मुद्दों को भूल गए हैं.
ईद की नमाज के बाद चिश्ती ने पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड को लेकर कुछ लोग गलतफहमियां फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि विरोध करना लोकतंत्र का हिस्सा है. अगर कोई शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से अपनी बात रखता है, तो इसमें कोई परेशानी नहीं. लेकिन वक्फ संशोधन जरूरी है.