कोलकाता में आज सुबह से हल्की बारिश हो रही है, लेकिन राहत की बात ये है कि मैच के दौरान बारिश के कम होने की संभावना है. एक रिपोर्ट कहती है कि कोलकाता में आज 90% चांसेस हैं कि बारिश होगी, लेकिन उम्मीद है कि मैच के वक्त ये चांस घट जाएंगे.
अमित शाह ने कहा कि कभी कश्मीर में आतंकवादियों के जनाजों पर जुलूस निकलते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होता. हमारे समय में आतंकवादियों को मारा जाता है, लेकिन उनके जनाजे नहीं निकाले जाते, उन्हें सीधे दफना दिया जाता है.
भारत ने हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 में 118वां स्थान हासिल किया है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 8 पायदान ऊपर है. सुनकर अच्छा लगता है, है ना? लेकिन अगर हम गहराई से देखें, तो यह सुधार शायद उतना खुश करने वाला नहीं है जितना लगता है. सच कहें तो भारत की स्थिति अब भी यूक्रेन और फिलिस्तीन जैसे युद्धग्रस्त देशों से भी पीछे है.
फ्लोरिडा के एक शख्स जॉन जॉनसन ने अंडे के महंगे दामों से बचने का एक अनोखा तरीका अपनाया है. जॉन ने अंडे की जगह इगुआना के अंडे खाना शुरू कर दिए हैं. आप सोच रहे होंगे कि यह क्या नया तरीका है? दरअसल, इगुआना एक प्रकार की छिपकली होती है.
अब यहां शुरू होता है असली खेल. निकान्त जैन ने दत्ता से कहा कि अगर वह जल्दी प्रोजेक्ट की मंजूरी चाहते हैं, तो उन्हें पांच फीसदी कमीशन देना होगा. दत्ता ने रिश्वत देने से मना कर दिया. तो निकान्त जैन ने प्रोजेक्ट की फाइल लटकानी शुरू कर दी. इसका मतलब यह था कि दत्ता का प्रोजेक्ट अनिश्चितकाल तक लटक सकता था, और मंजूरी मिलने में महीनों का समय लग सकता था.
बैठक की शुरुआत में संघ ने एक बहुत ही खास विषय पर चर्चा की, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक एकता से जुड़ा था — प्रयागराज महाकुंभ. संघ प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह मुकंद सीआर ने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार की सराहना की.
वैसे तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा अपने विकास और सुधार के कामों के लिए पहचाने जाते रहे हैं, लेकिन अब कुछ अलग ही अंदाज में चर्चा में हैं. हाल ही में उनकी कुछ ऐसी 'हरकतें' हुईं, जिनसे उनका व्यक्तित्व नया मोड़ लेता हुआ दिखा और अब उनका हर एक कदम मीडिया की सुर्खियों में है.
अब आप सोच रहे होंगे कि ये सब कैसे मुमकिन हो रहा है? हल्द्वानी जेल प्रशासन हर महीने 35 लाख रुपये पर खर्च करता है ताकि इन कैदियों को सही खानपान मिल सके. हर कैदी पर प्रतिदिन 110 रुपये खर्च किए जाते हैं.
हिडमा की खोज के लिए सुरक्षा बलों ने 125 से ज्यादा गांवों की टेक्निकल मैपिंग शुरू कर दी है, ताकि हर इलाके और रास्ते की सटीक जानकारी मिल सके. इन गांवों की मैपिंग में थर्मल इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे सुरक्षाबलों को छिपे हुए नक्सलियों की पहचान करने में मदद मिल रही है.
X ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने I4C (Indian Cybercrime Coordination Centre) द्वारा बनाए गए सहयोग पोर्टल (Sahyog Portal) पर अपने एक कर्मचारी को तैनात करने के आदेश दिए हैं, लेकिन यह आदेश कानूनी रूप से उचित नहीं हैं.