वो समय था जब नरेंद्र मोदी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे. 1998 में जब वह मॉरीशस पहुंचे, तो उन्होंने वहां आयोजित अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन को संबोधित किया. इस सम्मेलन में उन्होंने भगवान राम के सार्वभौमिक मूल्यों की बात की और यह बताया कि रामायण ने भारत और मॉरीशस के बीच एक मजबूत सांस्कृतिक पुल का काम किया.
शोरूम में काम करने वाली सेल्स गर्ल सिमरन ने बताया कि जैसे ही अपराधियों ने अंदर प्रवेश किया, उन्हें शक हो गया कि कुछ गड़बड़ है. उन्होंने चुपके से डायल 112 पर कॉल किया, और पुलिस को सूचित किया. हालांकि, पहली बार कॉल रिसीव होने के बाद बताया गया कि पुलिस की गाड़ी आ रही है, लेकिन 30 मिनट तक कोई पुलिस मदद के लिए नहीं पहुंची.
जब हम बात करते हैं कहार जाति की, तो यह जाति बिहार के सभी 38 जिलों में फैली हुई है, लेकिन सबसे अधिक संख्या में यह जाति गया जिले में पाई जाती है. 2013 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, कहार जाति की संख्या बिहार में 30 लाख से अधिक बताई गई थी. इसके अलावा, यह जाति चंद्रवंशी और रवानी जैसे नामों से भी जानी जाती है.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ यूजर्स का मानना है कि यह एक सामान्य फैशन शो था, जो दुनियाभर में होते रहते हैं और इस लोकेशन पर भी ऐसा होना कोई नई बात नहीं है. वहीं, कुछ यूजर्स इसे कश्मीर जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से संवेदनशील इलाके में अनुचित करार दे रहे हैं.
28 फरवरी को एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जामा मस्जिद के अंदरूनी हिस्से को सिरेमिक पेंट से रंग दिया गया है और फिलहाल इसे पुताई की आवश्यकता नहीं है. लेकिन मस्जिद कमेटी ने सिर्फ बाहरी दीवारों पर सफेदी और परिसर की सफाई की बात की थी, जिसे लेकर मामला अदालत में पहुंचा था.
पाकिस्तान में जब खेल प्रेमियों को यह खबर मिली, तो उनके सिर पर मानो तलवार चल गई! कैसे हो सकता है कि टूर्नामेंट का मेज़बान पाकिस्तान का कोई भी अधिकारी पुरस्कार वितरण समारोह में हिस्सा न लें. मामला इतना बढ़ा कि आईसीसी को खुद इस पर सफाई देनी पड़ी.
वसीम अकरम ने कहा, "चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान की मेजबानी में खेला गया, लेकिन जब फाइनल का पुरस्कार वितरण हुआ, तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का कोई भी प्रतिनिधि वहां मौजूद नहीं था."
दूसरे पोस्टर में तो एक और बड़ा राजनीतिक तंज है. यह पोस्टर 10 मार्च के दिन को चारा घोटाले से जोड़ते हुए दिखाया गया है, जो लालू यादव के शासनकाल का सबसे बड़ा विवाद रहा है. इस पोस्टर में लालू यादव की होली खेलते हुए ढोल बजाने की तस्वीर को फिर से इस्तेमाल किया गया है, लेकिन इसे चारा घोटाले से जोड़ा गया है.
चांदनी चौक के भागीरथ पैलेस में हर साल होली के मौके पर एक गधा यात्रा का आयोजन किया जाता था. इस यात्रा में गधे पर एक व्यक्ति को बैठाया जाता था, जिसे पूरे चांदनी चौक और आसपास के इलाकों में घुमाया जाता था.
गुजरात में कांग्रेस की स्थिति लंबे समय से कमजोर रही है, और यह कोई नई बात नहीं है कि पार्टी सत्ता से बाहर है. पिछले कई चुनावों से कांग्रेस को यहां भारी हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी का प्रदेश में कोई मजबूत आधार नहीं दिख रहा, और बीजेपी का दबदबा लगातार बढ़ रहा है.