उपराष्ट्रपति धनखड़ को रविवार को अस्पताल लाया गया. उन्हें तुरंत एम्स के हृदय रोग विभाग में भर्ती कराया गया. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, उनकी हालत स्थिर है और वह डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम की निगरानी में हैं.
अब सवाल यह है कि क्या तेजस्वी यादव का यह आरक्षण का मुद्दा बीजेपी और एनडीए के लिए राजनीतिक खतरा साबित होगा या फिर हिंदुत्व की राजनीति के सामने यह मुद्दा ज्यादा देर तक टिक नहीं पाएगा? इस समय, नीतीश कुमार और बीजेपी दोनों ही एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, लेकिन तेजस्वी यादव अपनी तरफ से हर उस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की कोशिश कर रहे हैं, जो उन्हें राजनीतिक फायदा दे सकता है.
होली के दौरान वृंदावन में उत्सव होता है और लाखों श्रद्धालु ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करने आते हैं. इसके साथ ही, रंग भरनी एकादशी जैसे महत्वपूर्ण पर्व पर सड़कों पर अनगिनत लोग इकट्ठा होते हैं. इस भारी भीड़ के बीच, महाराज की पदयात्रा को स्थगित करने का यह निर्णय उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया.
इस यात्रा का नाम है 'बिहार को नौकरी दो यात्रा', और इसे 16 मार्च से 14 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा. यात्रा की शुरुआत पूर्वी चंपारण के ऐतिहासिक गांधी आश्रम से होगी, जो गांधीजी के आंदोलन से जुड़ा हुआ है, और यात्रा का समापन पटना में होगा.
CIBIL स्कोर एक तरह का क्रेडिट स्कोर है, जिसे बैंक यह जानने के लिए इस्तेमाल करते हैं कि आप कितनी जिम्मेदारी से पैसे उधार लेते हैं और समय पर चुकाते हैं. यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है.
यह ऐलान दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुआ. इस दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, “मैंने दिल्ली की जनता से जो भी वादे किए हैं, उन्हें पूरा करूंगी. और यह सिर्फ शुरुआत है." रेखा गुप्ता ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, "जो मोदी जी कहते हैं, वह करके दिखाते हैं, और बीजेपी ही ऐसा फैसला कर सकती है."
इंदौर के कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित की गई ये दो नई किस्में, HI 1650 और HI 1655, बिल्कुल अलग हैं. ये शरबती गेहूं के विकल्प के रूप में आई हैं, और इनकी खासियत सिर्फ पैदावार में ही नहीं, बल्कि इनकी चमकदार पीली रंगत और पोषण में भी छिपी है.
बिहार में हिंदुत्व की इन तीन प्रमुख शख्सियतों के दौरे से महागठबंधन की बेचैनी बढ़ गई है. राजद नेता तेजस्वी यादव इस मुद्दे को तूल देने से बचने की कोशिश कर रहे हैं और इसे संविधान की सीमाओं के भीतर रखने की बात कर रहे हैं. हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं ने खुले तौर पर बाबा बागेश्वर की गिरफ्तारी की मांग की है, और बीजेपी की इस रणनीति को विरोधी साजिश के तौर पर पेश किया है.
अभी तक, बीजेपी के केवल 12 राज्यों में ही प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव हो पाया है, जबकि बाकी राज्यों में अभी चुनाव नहीं हुए हैं. आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि इन प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव के लिए कोई तय समयसीमा भी नहीं है. इसका मतलब है कि पार्टी चुनावों को जितना चाहे खींच सकती है.
अब एक और बहुत बड़ी बात, जो रिपोर्ट में सामने आई है, वो यह है कि महिलाएं अब केवल बचत नहीं कर रही हैं, बल्कि वित्तीय फैसले भी खुद ले रही हैं. 18% महिलाएं अब अपने वित्तीय फैसले खुद ले रही हैं. इसके अलावा, 47% महिलाएं अपने पति के साथ मिलकर ये फैसले लेती हैं, और 24% महिलाएं बताती हैं कि उनके पति ही उनके वित्तीय फैसले लेते हैं.