राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

Sambhal Mosque Re-Survey

संभल मस्जिद के स्ट्रक्चर में हुआ बदलाव, ASI रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने दिया दोबारा सर्वे का आदेश

ASI की रिपोर्ट के मुताबिक, जामा मस्जिद में कई बदलाव किए गए हैं, जिनमें प्रमुख बदलाव मस्जिद की फर्श के टाइल्स और पत्थरों में देखे गए हैं. इसके अलावा, मस्जिद के विभिन्न हिस्सों में सुनहरे, लाल, हरे और पीले रंग की मोटी तामचीनी पेंटिंग की गई है.

Bihar Politics

नीतीश को ‘शिंदे’ बनाना आसान नहीं…फिर भी धीरे-धीरे बिहार में ‘बड़ा भाई’ बन रही है BJP!

अगर हम इतिहास की बात करें, तो 20 साल पहले जेडीयू के पास बीजेपी से दोगुना अधिक मंत्री हुआ करते थे, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है. 2020 में जेडीयू के पास 19 मंत्री थे और बीजेपी के पास सिर्फ 7 मंत्री. धीरे-धीरे जेडीयू के मंत्री घटते गए, और बीजेपी के मंत्री बढ़ते गए. आज जेडीयू के मंत्री सिर्फ 13 हैं, जबकि बीजेपी के 21 मंत्री हैं.

Trump Gold Card

पैसे से खरीदें नागरिकता! अमीरों का सिर्फ ट्रंप ही नहीं कर रहे हैं स्वागत, इन देशों में भी बिछा है ‘रेड कार्पेट’

मेरिका अकेला ऐसा देश नहीं है जो इस तरह की सुविधा दे रहा है. दरअसल, दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में निवेश के जरिए नागरिकता पाने की सुविधा है. ब्रिटिश एडवाइजरी फर्म ‘Henley and Partners’ के मुताबिक, कई देश ऐसे हैं जो आपको एक मोटी रकम निवेश करने के बाद अपनी नागरिकता दे देते हैं, और इसके साथ ही आप वहां के सभी नागरिक अधिकारों का आनंद ले सकते हैं.

CAG Report

14 अस्पतालों में ICU नहीं, 12 में एंबुलेंस गायब…दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिकों का भी बद से बदतर हाल, CAG रिपोर्ट ने खोल दी AAP की पोल!

तक दिखाई नहीं दिए. क्या यह सिस्टम की असफलता नहीं है? आराम फरमाती सरकार! दिल्ली के अस्पतालों में एक और बड़ी समस्या सामने आई, वह है बेड की कमी. दिल्ली सरकार ने 2016 से 2021 के बीच 32,000 बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन हकीकत में सिर्फ 1,357 बेड जोड़े गए, जो कि कुल लक्ष्य का 4.24% है! इससे साफ है कि जब अस्पतालों में बेड नहीं हैं, तो मरीजों को फर्श पर इलाज करना पड़ा.

Telangana Tunnel Collapse

तेलंगाना के सुरंग में 8 मजदूरों की एक हफ्ते से हलक में अटकी जान, बाहर निकालने में रैट माइनर्स भी नाकाम

जेट इंजेक्शन, सुरंग के अंदर खतरनाक स्थिति में पहुंचने के लिए ड्रिलिंग और स्नैक रैट माइनर्स को लाना – अब तक बेअसर साबित हो रही हैं. पानी और कीचड़ से भरी इस सुरंग में तक़नीकी उपाय नाकाम हो गए हैं. सबसे पहले रैट माइनर्स को बुलाया गया, जो छोटे स्थानों में फंसे लोगों को बाहर निकालने में माहिर होते हैं.

Maha Kumbh 2025

क्या लालू और ममता के बहकावे में आ गए राहुल गांधी? महाकुंभ से परहेज कांग्रेस को पड़ सकता है भारी!

राहुल गांधी का महाकुंभ से अचानक पीछे हटना केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक कदम था. ममता बनर्जी, लालू यादव और अन्य विपक्षी नेताओं के दबाव को देखते हुए, राहुल गांधी ने इस बार महाकुंभ से दूरी बनाना बेहतर समझा. तो, क्या यह एक सही रणनीति थी? क्या राहुल गांधी का यह कदम भविष्य में कांग्रेस को लाभ पहुंचाएगा? ये सवाल अभी के लिए अनसुलझे हैं...

Maha Kumbh 2025

45 दिन, 4 लाख करोड़ का कारोबार…महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की ‘छप्पर फाड़’ कमाई!

अर्थव्यवस्था की बात करें, तो महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व में भी ऐतिहासिक वृद्धि की. सरकार ने अनुमान लगाया था कि इस आयोजन से 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये का राजस्व होगा.

DK Shivakumar On Maha Kumbh

“आस्था से बड़ा कुछ नहीं…”, महाकुंभ को लेकर ये क्या कह गए डीके शिवकुमार? कांग्रेस को हो सकती है परेशानी!

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने महाकुंभ मेले पर अपने बयान से न केवल पार्टी के भीतर एक नई चर्चा को जन्म दिया, बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी एक तरह से जवाब दे दिया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

क्या अब हर भारतीय को मिलेगा पेंशन? जानिए यूनिवर्सल पेंशन स्कीम की पूरी कहानी

आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि यूनिवर्सल पेंशन स्कीम कोई नई बात नहीं है. दुनिया के कई विकसित देशों, जैसे कि अमेरिका, कनाडा, रूस, चीन, और यूरोपीय देशों में पहले से ही सामाजिक सुरक्षा प्रणालियां मौजूद हैं, जो पेंशन, हेल्थ सर्विसेज और बेरोजगारी से जुड़ी योजनाओं का लाभ देती हैं.

मोहम्मद कैफ

“मैदान ढकने के लिए कवर नहीं, डकार गए ICC का…”, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर क्यों भड़क गए मोहम्मद कैफ?

रावलपिंडी के मैदान पर मैच के लिए जिन कवर्स का इस्तेमाल किया गया था, वो केवल पिच और 20 गज के घेरे तक सीमित थे, जबकि पूरे मैदान को ढकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. इस कारण मैदान में पानी जमा हो गया और मैच के शुरू होने में काफी देर हो गई.

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