पहले, शीला दीक्षित के समय में ये फ्लोर कुछ अलग तरीके से काम करते थे, लेकिन केजरीवाल के आने के बाद इसमें बदलाव हुआ. खासकर मनीष सिसोदिया, जब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री बने, तो उनके पास 18 विभागों की जिम्मेदारी थी, और वे अकेले छठी मंजिल पर काम करने लगे.
कुलदीप सिंह ढालीवाल को पहले कृषि और किसान कल्याण विभाग सौंपा गया था, लेकिन 2023 में हुए कैबिनेट फेरबदल में उन्हें 'प्रशासनिक सुधार विभाग' का जिम्मा दे दिया गया. फिर उन्होंने इस बारे में कुछ सवाल भी उठाए थे. मंत्री ने खुद ही सरकार से पूछा था कि यह विभाग है कहां?
दिल्ली को एक विकसित शहर बनाने के लिए सिर्फ सरकार के इरादे नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने होंगे. और यह काम रेखा गुप्ता अकेले नहीं कर सकतीं. नागरिकों का भी साथ चाहिए. उन्हें यह समझना होगा कि सफाई से लेकर ट्रैफिक नियमों तक, हर एक पहलू में बदलाव लाना होगा.
पंकज सिंह को मंत्रिपद देना एक बड़ी चुनावी रणनीति का हिस्सा है. पूर्वांचली वोट बैंक को साधने के लिए बीजेपी ने पंकज कुमार सिंह जैसे स्थानीय और समर्पित नेताओं को प्राथमिकता दी है.
रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली का यह नया मंत्रिमंडल अपने अनुभव, शिक्षा और राजनीति में कार्य करने की मजबूत क्षमता के कारण दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है.
यूपी सरकार ने 10 प्रमुख सेक्टरों को चिन्हित किया है, जिन पर काम करके राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा. इनमें कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, IT, ऊर्जा, नगर विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं. यानी, अगर आप किसान हैं तो कृषि से संबंधित योजनाओं का लाभ मिलेगा, अगर आप उद्योगपति हैं तो निवेश के नए मौके मिलेंगे.
महाकुंभ को लेकर सोशल मीडिया पर भ्र्र्रामक पोस्ट करने वाले 10 प्रकरणों में शामिल 101 अकाउंट्स पर पुलिस ने अब तक कार्रवाई की है. बुधवार को भी एक सोशल मीडिया अकाउंट से पाकिस्तान के वीडियो को महाकुंभ का बताकर अफवाह फैलाने वाली पोस्ट का खंडन किया गया.
रेखा गुप्ता के सामने दूसरा बड़ा वादा आयुष्मान भारत योजना को लागू करने का होगा. 2018 में शुरू हुई इस योजना को दिल्ली में लागू नहीं किया गया था, लेकिन अब रेखा गुप्ता की सरकार इस योजना को लागू करने का वादा करेगी.
दिल्ली के सीएम के लिए चुने गए उम्मीदवार को एक रोडमैप तैयार करने का निर्देश भी दिया गया था, जिसमें 90 दिन की योजना बनाई गई थी. बीजेपी ने अपने संभावित मुख्यमंत्री और मंत्रियों से यह पूछा कि यदि उन्हें यह जिम्मेदारी दी जाती है, तो वे पहले 15 दिनों में क्या करेंगे?
गोविंद और उसके परिवार ने तत्काल गांववालों के साथ मिलकर दुल्हन और मौसी की खोज शुरू कर दी. थोड़ी ही देर बाद, मौसी नशे की हालत में गांव के बाहर पाई गई. पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने मौसी को पकड़ लिया.