अमृत तिवारी

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राहुल गांधी और कमल नाथ

सक्रिय राजनीति में फिर वापसी करेंगे कमलनाथ! राहुल गांधी से मुलाक़ात के क्या हैं मायने?

बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के साथ कमलनाथ कि तक़रीबन 30 मिनट की बातचीत हुई. इस दौरान मध्य प्रदेश समेत चुनावी राज्यों में कमलनाथ के अनुभव और संपर्कों को समायोजित करने पर चर्चा हुई.

प्रतीकात्मक तस्वीर

बेटियों के लिए देश बना ‘बदलापुर’; बंगाल से लेकर महाराष्ट्र तक प्रदर्शन, अजमेर में 100 लड़कियों से हैवानियत के दोषियों को उम्रकैद

देश में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा में लगातार इजाफा देखने को मिला है. बीते एक दशक के आंकड़े डराने वाले हैं. ‘नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो’ के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 में पूरे देश भर में हर 15 मिनट में एक महिला रेप का शिकार हो रही थी. 2024 में भी अपराध का यह सिलसिला 7 फीसदी के दर से और ज़्यादा बढ़ा है.

Rahul Gandhi

“न जात पर-न पात पर, मुहर लगेगी हाथ पर” का नारा देने वाली कांग्रेस अब ‘मंडल 2.O’ की चैंपियन क्यों बनना चाहती है?

कहना सही होगा कि नैरेटिव के जिस धुरी पर पहले हम जहां बीजेपी को देखते थे, अब वहां कांग्रेस विराजमान हो गई है. जिस आईटी सेल के ज़रिए बीजेपी नए कंटेंट के साथ हल्ला बोलती थी, वह अब बासी और पुराना हो चुका है. जनता को कांग्रेस का कंटेंट नया लग रहा है.

अखिलेश यादव

क्या ‘मंडल युग’ की हो चुकी है वापसी? यूपी में BJP के धार्मिक ध्रुवीकरण पर भारी पड़ा अखिलेश यादव का ‘PDA कार्ड’  

जातिगत समीकरण किस तरह हिट हुआ इसके लिए बलिया की सीट भी काफ़ी अहम रही है. यहां इस बार कास्ट-फैक्टर ऐसा हावी हुआ कि यहां से सपा के उम्मीदवार सनातन पांडे आखिरकार बीजेपी के नीरज शेखर के खिलाफ चुनाव जीत गए.

कमलनाथ

Kamal Nath: ’इंदिरा गांधी के दो हाथ, संजय गांधी और कमलनाथ’, दोस्त संजय के लिए जज से बदतमीजी की और गए जेल, ऐसे बने थे ‘आयरन लेडी’ के ‘तीसरे बेटे’

Kamal Nath: कमलनाथ अपने दोस्त संजय गांधी के कहने पर चुनावी राजनीति में उतरे थे. तब इंदिरा गांधी उनके लिए प्रचार करने ख़ुद छिंदवाड़ा पहुँची और एक जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ को अपना ‘तीसरा बेटा’ बताया था.

PM Modi In Lok Sabha

PM मोदी ने सदन में खींच दी चुनावी लकीर, तय कर दिया एजेंडा-10 साल UPA बनाम 10 साल ‘मोदी सरकार’

कुल मिलाकर प्रधानमंत्री मोदी का भाषण आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कसा हुआ और पूरी तैयारी के साथ विपक्ष पर बोला गया हल्ला बोल था. उन्होंने वो लकीर भी खींच डाली जिसकी चर्चा बजट के बाद होने लगी थी.

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