The Bengal Files Movie Review: विवेक अग्निहोत्री की राइटिंग बढ़िया है, उनकी रिसर्च पर तो सवाल उठाया ही नहीं जा सकता लेकिन दिक्कत ये है कि वो रिसर्च इतनी ज्यादा कर लेते हैं कि वो एक फिल्म में समा ही नहीं पाती और इसी वजह से फिल्म लंबी हो गई है. जैसे ही आप विभाजन या दंगों का दर्द महसूस करना शुरू करते हैं तो फिल्म वापस वर्तमान में आ जाती है
Mahaganapati Temple: पुणे से 51 किमी दूर स्थित यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित ‘अष्टविनायकों’ में आठवां मंदिर है.
Vighneshwar Ganpati: विघ्नेश्वर गणपति का मंदिर महाराष्ट्र के ओजर में स्थित है. ओजर पुणे से लगभग 85 किमी दूर, कुकड़ी नदी के किनारे है, जो इस पर बने येडागांव बांध के करीब है. यह मंदिर अपनी दीपमाला (एक पत्थर का स्तंभ) और अपने स्वर्ण गुंबद के लिए प्रसिद्ध है
Girijatmaj Ganapati: प्राचीन कहानी के अनुसार, जब पांडव अपने तेरहवें वर्ष के दौरान अज्ञातवास में थे, तो उन्होंने गणपति की इस मूर्ति को खोजा था और एक रात में इन गुफाओं को तराश दिया था.
LOKAH Chapter 1 Chandra Review: ये एक सुपरहीरो टाइप की सुपरनैचरल थ्रिलर फिल्म है, मलयालम सिनमा में सुपरहीरो थ्रिलर कम ही देखने को मिलते हैं.
Param Sundari Review: जाह्नवी कपूर ने मूवी में कमाल का काम किया है. उन्होंने अपनी एक्टिंग से पूरे सिनेमा घर को सबसे ज्यादा इंप्रेस किया है. ट्रेलर के बाद उनकी डिक्शन पर सवाल उठे थे लेकिन यहां जिस तरह से उन्होंन बढ़िया तरह से केरल के कल्चर को प्रमोट किया हैं.
Varad Vinayak Ganpati: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खापोली शहर के महाड़ गाँव में स्थित श्री वरद विनायक मंदिर भगवान गणेश के अष्टविनायक स्वरूपों में चौथे स्वरुप माना जाता हैं. इस मंदिर में भगवान गणेश स्वयंभू रूप में विराजमान है.
Ballaleshwar Ganpati Mandir: इस मंदिर में गणपति की प्रतिमा पत्थर के सिंहासन पर स्थापित है. पूर्व की ओर मुख वाली 3 फीट ऊंची यह प्रतिमा स्वयंभू है और इसमें श्री गणेश की सूंड बांई ओर मुड़ी हुई है. प्रतिमा के नेत्रों व नाभि में हीरे जड़े हुए हैं
Siddhi Vinayak Mandir: सिद्धटेक पर्वत वही पर्वत हैं जहां भगवान विष्णु ने गणेश जी की तपस्या करके सिद्धि प्राप्त की थी. जिसके बाद इसे सिद्धिविनायक कहा गया.
Mayureshwar Ganesh Mandir: इस मंदिर के चारों कोनों में मीनारें और लंबे पत्थरों की दीवारें हैं. मंदिर के चार द्वार हैं जिन्हें चारों युग यानी सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग का प्रतीक माना जाता है