Bangladesh Violence: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री अगले 48 घंटे में भारत छोड़ सकती हैं. सूत्रों की मानें तो हसीना यूरोप के किसी देश में जा सकती हैं. इसके अलावा अन्य देशों से भी उनकी बातचीत चल रही है.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश सेना के प्रमुख ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया था. बीते दिन शेख हसीना के इस्तीफे के और देश छोड़ कर चले जाने के बाद आर्मी चीफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए देश की जनता को संबोधित किया था.
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार से उस प्रक्रिया के बारे में बताने को कहा जो उन्होंने 77 समुदायों (जिनमें ज्यादातर मुस्लिम थे) को अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत करने, उन्हें आरक्षण लाभ के लिए पात्र बनाने के लिए अपनाई थी
Manual Scavengers: केंद्रीय मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि 31 जुलाई 2024 तक, देश के 766 जिलों में से 732 जिलों ने खुद को हाथ से मैला ढोने से मुक्त घोषित कर दिया है.
Bangladesh Violence: शेख हसीना को जिन हालातों में इस्तीफा देकर अपना देश छोड़ना पड़ा है, उसके लिए अब 'विदेशी दखल' का दावा भी किया जा रहा है. शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने इस तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ होने का शक जाहिर किया है.
Khaleda Zia: पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद खालिदा जिया ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. 30 मई 1981 को बांग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान की हत्या कर दी गई थी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालात पर राज्यसभा में बयान दिया और भारत का रुख स्पष्ट किया. विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में लोग सड़कों पर हैं और वहां अल्पसंख्यक समुदाय हिंदुओं को निशाना बनाया गया है.
बांग्लादेश से सामने आए वीडियो में प्रदर्शनकारी बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति पर चढ़कर उसे तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं. प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो चुके हैं कि उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति पर चढ़कर हथौड़े चलाए.
हाल ही में संसद में सांसद राजीव प्रताप रूडी ने इसे लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हर साल देश में 30 से 40 लाख लोगों को सांप काटते हैं, जिसमें से 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है.
बांग्लादेश में लगातार खराब हो रहे हालातों के बीच सेना चीफ जनरल वकार-उज-जमान देश को संबोधित कर सकते हैं. देशव्यापी कर्फ्यू को दरकिनार कर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी लॉन्ग मार्च के लिए ढाका के शाहबाग चौराहे पर इकट्ठा हुए.