प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की और राणा का मुद्दा उठाया. ट्रंप ने इसके बाद कहा कि राणा को भारत भेजा जाएगा. एनआईए ने एक खास टीम बनाई, जो अमेरिका गई और वहां के अधिकारियों के साथ मिलकर कागजी काम पूरा किया.
मोरारजी का जिद्दीपन कोई नई बात नहीं थी. 1974 में गुजरात में छात्रों ने चिमनभाई पटेल की सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया. मोरारजी उनके साथ कूद पड़े. उन्होंने कहा, “जब तक सरकार नहीं हटेगी, मैं खाना नहीं खाऊंगा.” आमरण अनशन शुरू कर दिया. इंदिरा गांधी टस से मस नहीं हुईं. पर मोरारजी भी पीछे नहीं हटे. आखिरकार इंदिरा को झुकना पड़ा.
जांच में जो खुलासा हुआ, वो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था. एटीएस की थ्योरी के मुताबिक, 12 आतंकी दिल्ली से बस में बम लेकर जयपुर पहुंचे थे. ये लोग कोई आम अपराधी नहीं थे. इनका प्लान इतना सोचा-समझा था कि पुलिस भी हैरान रह गई.
सिर्फ बीजेपी ही नहीं, कांग्रेस भी सपा के लिए सिरदर्द बन रही है. कांग्रेस ने इन विवादों से दूरी बनाए रखी और हिंदू वोटरों को लुभाने की कोशिश की. सपा को डर है कि कहीं कांग्रेस यूपी में उसकी सियासी जमीन न छीन ले. शायद इसलिए अखिलेश अब अयोध्या की राह पकड़ने की तैयारी में हैं.
अमित मालवीय ने कसा तंज अमित मालवीय ने इस झगड़े का सबूत देने के लिए व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए. इसमें कल्याण बनर्जी ने कीर्ति आजाद पर कटाक्ष करते हुए किसी 'बहुमुखी अंतरराष्ट्रीय महिला' का जिक्र किया, जिसे लेकर अब हर कोई हैरान है कि आखिर ये महिला कौन है?
तेजप्रताप का ये अंदाज नया नहीं है. वो अक्सर रात में पटना की सड़कों पर घूमते दिखते हैं. उनका एक यूट्यूब चैनल भी है, जहां वो व्लॉग बनाते हैं. इस बार थाने पहुंचकर उन्होंने पुलिस पर दबाव बनाया और जनता के बीच अपनी छवि को चमकाया.
जब यह बात परिवार और मोहल्ले वालों को पता चली, तो हंगामा मच गया. मामला पंचायत तक पहुंचा. सबकी नजरें इस पर थीं कि अब क्या होगा? लेकिन पंचायत ने भी प्यार के आगे हार मान ली. फैसला सुनाया गया कि शबनम अपनी मर्जी से जहां चाहे रह सकती है. बस फिर क्या था, शबनम और शिवा ने मंदिर में जाकर शादी रचा ली.
पिछले साल नवंबर 2024 में संभल का ये ढांचा उस वक्त सुर्खियों में आया, जब हिंदू पक्ष ने दावा ठोक दिया कि ये शाही जामा मस्जिद असल में श्री हरिहर मंदिर है. मामला चंदौसी कोर्ट से शुरू हुआ और देखते ही देखते इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.
लड़की के पिता का कहना है कि पुलिस ने पहले उनकी सुनवाई में ढील बरती. 3 अप्रैल को उन्होंने थाने में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने 4 अप्रैल को लड़की को ढूंढकर घर छोड़ दिया. उस वक्त वो नशे में थी, मगर पुलिस ने मेडिकल तक नहीं कराया. 6 अप्रैल को भी थाने में दिनभर इंतजार के बाद बड़े अफसरों के दखल से FIR दर्ज हुई.
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा कमबैक किया था. 2019 में 52 सीटें थीं, जो 2024 में दोगुनी हो गईं. पार्टी में जोश आया, लेकिन इसके बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हार ने सारा उत्साह ठंडा कर दिया. गुजरात में तो कांग्रेस 30 साल से सत्ता से बाहर है.