जनगणना के तहत घरों की सूची तैयार करने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने का काम 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 तक पूरे देश में किया जाना था, लेकिन कोविड-19 के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था.
इस प्रस्ताव का लक्ष्य है कि देशभर में लोकसभा, राज्य विधानसभाएं, नगरपालिकाएं और पंचायत चुनाव सभी एक ही समय पर आयोजित किए जाएं. इससे चुनावी प्रक्रिया को व्यवस्थित और कम खर्चीला बनाया जा सकता है. यदि यह योजना साकार होती है, तो चुनावी मतदाता लिस्ट, प्रचार, और मतदान की प्रक्रिया में एक नई सुव्यवस्थितता आ सकती है.
आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बीजेपी पिछले दो सालों से अरविंद केजरीवाल को भ्रष्ट साबित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन विफल रही है.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस विवाद के चलते दिल्ली की राजनीति में आगामी घटनाक्रम पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा. अरविंद केजरीवाल की इस्तीफे की घोषणा और बीजेपी के आरोप इस बात का संकेत हैं कि राजनीति में नए मोड़ आ सकते हैं.
राजनीति में ताकत का खेल और महत्वाकांक्षाएं प्रमुख भूमिका निभाती हैं. मुख्यमंत्री पद राज्य सरकार का सबसे महत्वपूर्ण पद होता है और इस पर बैठने वाले नेता का राजनीतिक कद बढ़ जाता है. ऐसे में किसी भी नेता के लिए इस कुर्सी को छोड़ना आसान नहीं होता.
बिट्टू ने राहुल गांधी की देशभक्ति पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी हिंदुस्तानी नहीं हैं. उन्होंने अधिकांश समय विदेश में बिताया है और उनकी फैमिली भी वहीं है. इसलिए, उन्हें अपने देश से सच्चा प्यार नहीं है."
यह पहली बार नहीं है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने फैसले से राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई हो. 2014 में जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जीत हासिल की थी, तब भी केजरीवाल ने सबको चौंका दिया था.
यशवंत सिंह ने पत्रकारिता के मौजूदा हालात पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, "आजकल पत्रकारिता में बीच का कोई रास्ता नहीं बचा है. या तो आप बिक जाओ, या फिर जेल जाने के लिए तैयार रहो. दिल्ली पुलिस का स्तर पहले कभी इतना गिरा हुआ नहीं था."
बीजेपी ने केजरीवाल के इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि वे सचमुच अपने पद से इस्तीफा देना चाहते थे, तो उन्हें जेल से बाहर आते ही यह निर्णय लेना चाहिए था.
हिंदी पट्टी के नागरिकों को अपने समृद्ध अतीत के साथ-साथ एक उज्जवल भविष्य की दिशा में भी कदम उठाने होंगे, जहां हर व्यक्ति को समान अवसर और सम्मान प्राप्त हो. यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसमें सरकार, समाज, और प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है.