Naxal Encounter: सुकमा जिले के थाना भेज्जी एवं चिंतागुफा क्षेत्र के जंगल पहाड़ी में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर डीआरजी ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया. आज सुबह से डीआरजी की टीम और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग जारी है. इस मुठभेड़ में 3 नक्सली ढेर हो गए हैं.
Naxali Surrender: नक्सल संगठन को एक और बड़ा झटका लगा है. जहां तेलंगाना स्टेट कमेटी में सक्रीय दो शीर्ष माओवादी नेताओं सहित कुल 8 नक्सलियों के वारंगल पुलिस के सामने सरेंडर किया है.
CG News: सुकमा-दंतेवाड़ा सीमा पर मुलेर इलाके में नक्सलियों की कायराना करतूत सामने आई है. जहां नक्सलियों ने प्रेशर IED ब्लास्ट में किया.
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित “नियद नेल्लानार” योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्र तुमालभट्टी में पुलिस प्रशासन द्वारा नवीन सुरक्षा कैंप की स्थापना की गई है.
Sukma: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से एक बड़ी खबर है. यहां नक्सलियों की बौखलाहट एक बार फिर से देखने को मिली है. पुलिस की मुखबिरी का शक जताकर नक्सलियों ने एक शिक्षादूत को मौत के घाट उतार दिया है. इसके बाद इलाके में दहशत का माहौल है.
छत्तीसगढ़ के सुकमा के पाकेला आवासीय पोटाकेबिन विद्यालय में बच्चों के खाने में फिनाइल मिलाने की सनसनीखेज घटना अब राजनीतिक रंग ले चुकी है. घटना सामने आने के बाद प्रशासन ने पूरे मामले की शिकायत छिंदगढ़ थाने में की है.
बस्तर में बाढ़-बारिश का कहर: उफनती नदी में फंसा युवक, नेशनल हाइवे बंद, तीन जिलों से टुटा सम्पर्क CG News: बस्तर में बीती रात से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके कारण नदी-नाले उफान पर है. बाढ़ का पानी नेशनल हाइवे में चढ़ गया है. जिसके कारण नेशनल हाइवे 30 पूरी तरह से बीती रात से बंद है. यह हाइवे बस्तर को सुकमा से जोड़ता है. वहीं इससे सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले का संपर्क टुट गया है.
CG News: इस साल अप्रैल में हालात अचानक बदल गए. बचे हुए अंतिम 11 नक्सलियों ने जिला पुलिस और सीआरपीएफ के सामने हथियार डाल दिए. इसके बाद बड़ेसट्टी को प्रदेश का पहला ‘नक्सल मुक्त पंचायत’ घोषित कर दिया गया.
Sukma: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलवाद पर तगड़ा प्रहार हुआ है. डेढ़ साल में 395 गांवों तक प्रशासन पहुंच गया है. इसके अलावा खूंखार नक्सली नेता माड़वी हिड़मा के पैतृक गांव पूवर्ती में सुरक्षाबलों के कब्जा के बाद तेजी से कोर इलाकों में फोर्स भी बढ़ी है.
Rakshabandhan: सुकमा में तैनात वीर जवानों में से किसी ने 20 साल से अपनी कलाई पर बहन से राखी नहीं बंधवाई है तो कोई 18 साल में सिर्फ एक बार घर गया है. कितने रक्षाबंधन आए और चले गए लेकिन वह सुरक्षा के लिए डटे रहे. फिर भी चेहरे पर कोई शिकन नहीं और किसी से कोई शिकवा नहीं. सवाल पूछो तो बस एक जवाब- पहले देश, फिर बाकी सब.