इंदौर में सुबह से ही बादल छाए हुए थे और दोपहर में जमकर बारिश हुई. बादल के कारण इतना अंधेरा छा गया कि रात जैसा नजारा दिखने लगा. सड़कों पर लोगों को गाड़ियों की हेडलाइनट ऑन करनी पड़ गई. इंदौर के कुछ इलाकों में तेज तो कहीं हल्की बारिश देखने को मिली.
बताया जा रहा है कि ये सिक्के चांदी या चांदी जैसी धातु के बने हैं. इन पर फारसी भाषा में कुछ लिखा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये सिक्के मुगल काले के हैं.
कमरे के बाहर खड़े गार्ड्स ने सावित्री ठाकुर को अंदर जाने से रोक दिया. करीब 10 मिनट तक सावित्री ठाकुर अंदर इंतजार करती रहीं.
वीडियो में उन्होंने कहा, 'आपको क्या लगता है कि हम चुप बैठेंगे. नहीं ऐसा नहीं होगा. हम अपनी रोड की हालत दिखाते रहेंगे. यहां से एक बाइक नहीं गुजर सकती. नितिन गडकरी जी क्या हमारे गांव में 10 किलोमीटर की सड़क नहीं बनवा सकते हैं.'
शुभांशु समेत चारों एस्ट्रोनॉट आज भारतीय समयानुसर शाम 4 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे. डॉकिंग प्रक्रिया के बाद शुभांशु का यान ड्रैगन कैप्सूल स्पेस स्टेशन के अंदर दाखिल हो गया.
नितिन गडकरी ने ट्वीट कर लिखा, 'कुछ मीडिया हाऊसेस द्वारा दो-पहिया (Two wheeler) वाहनों पर टोल टैक्स लगाए जाने की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है. ऐसा कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं हैं.'
महिला के रेलवे ट्रैक पर कार दौड़ाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें लोग महिला पर गुस्सा जाहिर करते दिखाई दे रहे हैं.
90 डिग्री वाले ब्रिज को CM डॉ मोहन यादव ने कहा, 'इस पुल का निर्माण मेरे CM बनने से पहले से हो रहा है. अभी तक ब्रिज का उद्घाटन भी नहीं हुआ है. इसलिए मैंने इसमें सुधार की बात कही है.'
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें 1984 में जमीन का पट्टा मिला था. 2008 में जमीन का नया पट्टा देने की बात कहकर पुराना पट्टा वापस ले लिया गया. 60-70 सालों से यहां रह रहे हैं. अब जमीन के कागज कहां से लेकर आएं.
भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ने स्पेस यान में बैठे-बैठे ही अपनी अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव साझा किया है. वीडियो में सुभांशु के साथ एक टॉय(हंस) भी है. सुभांशु ने कहा, 'भारतीय संस्कृति में हंस ज्ञान का प्रतीक है. यह मेरी यात्रा नहीं बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है.'